अदालत ने निष्कासन को चुनौती देने वाली छात्रों की याचिका पर जेएनयू से जवाब मांगा
नयी दिल्ली : जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय :जेएनयू: के दो छात्रों द्वारा परिसर में नौ फरवरी को आयोजित विवादित कार्यक्रम के संबंध में कुछ सेमेस्टर के लिए निष्कासन को चुनौती देने के बीच, दिल्ली उच्च न्यायालय ने आज विश्वविद्यालय से उनकी याचिकाओं पर जवाब तलब किया. न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा ने विश्वविद्यालय से तीन अन्य जेएनयू […]
नयी दिल्ली : जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय :जेएनयू: के दो छात्रों द्वारा परिसर में नौ फरवरी को आयोजित विवादित कार्यक्रम के संबंध में कुछ सेमेस्टर के लिए निष्कासन को चुनौती देने के बीच, दिल्ली उच्च न्यायालय ने आज विश्वविद्यालय से उनकी याचिकाओं पर जवाब तलब किया. न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा ने विश्वविद्यालय से तीन अन्य जेएनयू छात्रों की अलग अलग याचिकाओं पर भी जवाब मांगा . ये छात्र अपीलीय प्राधिकार द्वारा उन पर लगाए गए जुर्माने के खिलाफ भी अदालत गये थे.
सुनवाई के दौरान, कुछ सेमेस्टर के लिए निष्कासित दो छात्रों की ओर से पेश वकील ने कहा कि जेएनयू से उनके मुवक्किलों के खिलाफ उनकी याचिकाएं लंबित रहने तक कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया जाये. इस पर अदालत ने कहा, ‘‘(जेएनयू के वकील ने) मौखिक आश्वासन दिया है कि अब कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी.”
अदालत ने इन दो छात्रों की याचिकाओं पर सुनवाई के लिए कल की तारीख तय की जब वह दो अन्य छात्रों उमर खालिद तथा अनिर्बान भट्टाचार्य की याचिकाओं पर दलीलें सुनेगी. इन दोनों ने भी प्राधिकार द्वारा उन पर लगाए गए जुर्माने को भी चुनौती दी थी. खालिद को इस साल दिसंबर तक विश्वविद्यालय से निष्कासित किया गया है जबकि भट्टाचार्य को पांच साल के लिए विश्वविद्यालय से बाहर रहने का निर्देश दिया गया है.