नयी दिल्ली : केरल में मछुआरों के हत्या के आरोपी ईटली के दूसरे मरीन लातोरे ने इटली में ही रहने की गुहार लगाई है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई 20 सितंबर को होगी. इटली ने अपने दो मरीनों में से एक मासिमिलियानो लातोरे पर लगाई गई जमानत की शर्तों में संशोधन की मांग करते हुए उच्चतम न्यायालय का रुख किया है. इटली ने अपने मरीन मासिमिलियानो लातोरे की जमानत शर्तों में बदलाव करने के लिए आज उच्चतम न्यायालय में फिर से अपील की ताकि लातोरे अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण द्वारा इस बारे में फैसला किए जाने तक इटली में ही रह सके कि भारतीय मछुआरों को मार डालने के मामले में उसके खिलाफ सुनवाई करने का अधिकार कौन से देश को है.
इस अपील पर उच्चतम न्यायालय 20 सितंबर को सुनवाई करने पर सहमत हो गया. अपील में लातोरे ने अपनी जमानत के लिए वही शर्तें लागू करने का अनुरोध किया है जो उसके सहयोगी मरीन एवं केरल के तट पर वर्ष 2012 में दो मछुआरों को मार डालने के सह आरोपी सल्वातोरे गिरोने पर लगाई गई हैं. न्यायमूर्ति ए आर दवे और न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की पीठ ने लातोरे की ओर से इटली द्वारा दायर अपील पर सुनवाई करने का फैसला किया.इससे पहले के टी एस तुलसी सहित कुछ वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने मामले का उल्लेख करते हुए इस आधार पर तत्काल सुनवाई की मांग की कि मामले में उच्चतम न्यायालय द्वारा पूर्व में दिया गया आदेश इस साल 30 सितंबर तक ही वैध है.
अपील में कहा गया है ‘चीफ मास्टर सार्जेन्ट मासिमिलियानो लातोरे की जमानत शर्तों को बदल कर वैसा ही किया जाए जैसा कि इस साल 26 मई को इसी न्यायालय के आदेश द्वारा सार्जेन्ट मेजर सल्वातोर गिरोने के लिए किया गया था. ताकि लातोरे तब तक इटली में रह सके जब तक कि एनेक्स अष्टम आर्बिट्राल ट्रिब्यूनल मामले की गुणवत्ता के आधार पर यह फैसला नहीं कर लेता कि एनरिका लेक्सी पोत संबंधी घटना को लेकर भारत उसके (लातोरे के) संबंध में अपने अधिकार क्षेत्र का उपयोग कर सकता है.’