अब कानून बना GST संशोधन विधेयक, राष्ट्रपति ने दी मंजूरी

नयी दिल्ली: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) पर संविधान संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी. यह नयी अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था को लागू करने की दिशा में एक बडा कदम है. नरेंद्र मोदी सरकार जीएसटी को अगले साल एक अप्रैल से लागू करना चाहती है. आधिकारिक सूत्रों ने यहां कहा कि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 8, 2016 6:02 PM

नयी दिल्ली: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) पर संविधान संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी. यह नयी अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था को लागू करने की दिशा में एक बडा कदम है. नरेंद्र मोदी सरकार जीएसटी को अगले साल एक अप्रैल से लागू करना चाहती है. आधिकारिक सूत्रों ने यहां कहा कि राष्ट्रपति मुखर्जी ने विधेयक को मंजूरी दे दी है. विधेयक के पारित होने से जीएसटी परिषद के गठन का रास्ता साफ होगा. यह परिषद जीएसटी की दर, उपकर और अधिभारों आदि पर निर्णय करेगी. जीएसटी के लागू होने के बाद ज्यादातर केंद्रीय और राज्य स्तरीय अप्रत्यक्ष कर मसलन उत्पाद शुल्क, सेवा कर बिक्री कर या वैट, केंद्रीय बिक्रीकर, अतिरिक्त सीमा शुल्क और सीमा शुल्क पर विशेष अतिरिक्त शुल्क इसमें समाहित हो जाएंगे.

संसद ने इस विधेयक को 8 अगस्त को पारित किया था जिसके बाद इसे राज्य सरकारों को अनुमोदन के लिए भेजा गया था। किसी संविधान संशोधन विधेयक को कम से कम 50 प्रतिशत राज्यों की विधानसभाओं द्वारा अनुमोदित करने की जरुरत होती र्है। 17 राज्यों द्वारा इस विधेयक को अनुमोदित किए जाने के बाद इसे राष्ट्रपति सचिवालय को भेजा गया था.

भाजपा शासित असम ने पहले पहले इस विधेयक को अनुमोदित किया था. जिन अन्य राज्यों ने इस विधेयक को पारित किया है उनमें बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ, हिमाचल प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश, दिल्ली, नगालैंड, महाराष्ट्र, हरियाणा, सिक्किम, मिजोरम, तेलंगाना, गोवा, ओडिशा और राजस्थान शामिल हैं. राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने हाल में कहा था कि सरकार जीएसटी के क्रियान्वयन के मामले में आगे चल रही है. उन्होंने ट्वीट किया था कि राज्यों द्वारा इसे अनुमोदन के लिए 30 दिन रखे गए थे, लेकिन इसे 23 दिन में ही पूरा कर लिया गया.

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