15वीं लोकसभा का अंतिम सत्र कल से, तेलंगाना बिल पर हंगामे के आसार
नयी दिल्ली : पृथक तेलंगाना राज्य से जुड़े बिल पर बुधवार से शुरू हो रहे 15वीं लोकसभा के अंतिम सत्र में जबरदस्त हंगामा होने के आसार हैं. कई दलों ने सरकार से कहा है कि वह कोई भी अन्य विधेयक पारित कराने से पहले लेखानुदान पारित कराये. तीन दलों ने पांच फरवरी से 21 फरवरी […]
नयी दिल्ली : पृथक तेलंगाना राज्य से जुड़े बिल पर बुधवार से शुरू हो रहे 15वीं लोकसभा के अंतिम सत्र में जबरदस्त हंगामा होने के आसार हैं. कई दलों ने सरकार से कहा है कि वह कोई भी अन्य विधेयक पारित कराने से पहले लेखानुदान पारित कराये. तीन दलों ने पांच फरवरी से 21 फरवरी तक चलाने की बजाय संक्षिप्त अवधि के लिए चलाने की बात कही है. संसद के शीतकालीन सत्र के दूसरे चरण में भ्रष्टाचार रोधी छह विधेयकों सहित कुल 39 विधेयक सूचीबद्ध हैं.
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज ने कहा कि सदन में व्यवधान के लिए कांग्रेस विपक्ष पर तोहमत नहीं लगा सकती. यह स्थिति केवल कांग्रेस की ही बनायी हुई है. सत्तारूढ़ दल देश और सदन में इतना कमजोर हो गया है कि उसके एक राज्य के खुद के मुख्यमंत्री ने तेलंगाना विधेयक को आंध्रप्रदेश विधानसभा से अस्वीकार करा कर केंद्र को वापस भेज दिया है.
* लंबित महत्वपूर्ण विधेयक
व्हिसलब्लोअर संरक्षण विधेयक, न्यायिक मानक और जवाबदेही विधेयक, सिटीजन चार्टर, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम संशोधन बिल, इलेक्ट्रॉनिक जरिये से सेवाओं की आपूर्ति विधेयक, विदेशी सरकारी अधिकारी रिश्वतखोरी निवारण विधेयक और सार्वजनिक खरीद विधेयक शामिल हैं.
– सभी पार्टियों को दलगत राजनीति से ऊपर उठ कर भ्रष्टाचार रोधी छह विधेयक पारित कराने में सरकार का सहयोग करना चाहिए.
कमलनाथ, संसदीय कार्य मंत्री
– हमें भ्रष्टाचार निरोधी विधेयकों को लेकर कोई आपत्ति नहीं है. सवाल यह है कि कांग्रेस के सदस्य संसद का काम काज चलने देंगे? अगर सदन को चलने दिया गया तो हम निश्चित तौर पर विधेयकों को पारित करेंगे.
सुषमा स्वराज, नेता प्रतिपक्ष, लोकसभा
– अगर सरकार बिल पारित कराना चाहती है, तो उसे वह रणनीति सामने रखे, जिससे तेलंगाना मुद्दे से निबटा जा सके और सदन की कार्यवाही बाधित नहीं हो.
सीताराम येचुरी, माकपा