नयी दिल्ली:बीजेपी के पीएम पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी अपने आप को गरीबों का मसीहा बताते नजर आते हैं लेकिन गरीबी को लेकर गुजरात में उनकी किरकिरी होती दिख रही है. गरीबी का पैमाना तय करने के मामले में गुजरात सरकार गरीबों का मजाक उड़ाया है. मोदी के राज्य में गांव में 11 रुपये और शहर में 17 रुपये कमाने वाले को अमीर बताया है.
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग की सप्लाई शाखा को बीते महीने जारी एक लेटर में बताया गया है कि राज्य के ग्रामीण इलाके में हर महीने 324 रुपये तथा शहरी इलाके में 501 रुपये से कम कमाने वाला ही गरीबी रेखा से नीचे माना जा सकता है. स्थानीय निकाय की सिफारिश पर बनी नई बीपीएल सूची तथा बायोमैट्रिक राशन कार्ड को लेकर राज्य सरकार पहले से ही विपक्ष के निशाने पर है. गौरतलब है कि योजना आयोग की ओर से शहर में 32 रुपये और गांव में 26 रुपये रोजाना कमाने वाले को अमीर बताने पर भी खूब हो-हल्ला मचा था.