#DUSU : 3 सीटों पर ABVP का कब्जा, 2 साल बाद NSUI का संयुक्त सचिव

नयी दिल्ली : आरएसएस के छात्र संगठन एबीवीपी ने डूसू चुनाव में अपना वर्चस्व बरकरार रखते हुए अध्यक्ष सहित तीन सीटें जीत लीं जबकि कांग्रेस से सम्बद्ध छात्र संगठन एनएसयूआई ने दो साल बाद वापसी करते हुए संयुक्त सचिव का पद अपने नाम किया. डूसू चुनाव के मुख्य चुनाव अधिकारी डी एस रावत के अनुसार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 10, 2016 12:26 PM

नयी दिल्ली : आरएसएस के छात्र संगठन एबीवीपी ने डूसू चुनाव में अपना वर्चस्व बरकरार रखते हुए अध्यक्ष सहित तीन सीटें जीत लीं जबकि कांग्रेस से सम्बद्ध छात्र संगठन एनएसयूआई ने दो साल बाद वापसी करते हुए संयुक्त सचिव का पद अपने नाम किया. डूसू चुनाव के मुख्य चुनाव अधिकारी डी एस रावत के अनुसार आज घोषित नतीजे में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के अमित तंवर दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) के अध्यक्ष, प्रियंका उपाध्यक्ष और अंकित सिंह सचिव निर्वाचित हुए जबकि भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) के माहित गारिद ने संयुक्त सचिव का चुनाव जीता.

गारिद ने जीत हासिल कर एबीवीपी को लगातार तीसरे साल चारों सीटें जीतने से रोक दिया. पिछली बार पहली दफा चुनाव लडते हुए हार का सामना करने वाली आप की छात्र युवा संघर्ष समिति ने इस बार चुनाव नहीं लड़ा था. डूसू चुनाव में पहली बार शुरू किये गये नोटा के प्रावधान का काफी मतदाताओं ने इस्तेमाल किया और 17,712 नोटा वोट डाले गए. रावत ने बताया कि अमित टंडन ने अध्यक्ष पद के लिए 16,357 वोट हासिल कर एनएसयूआई के अखिल यादव को 4,680 वोटों के अंतर से हराया.

निर्वाचित समिति में अकेली महिला सदस्य प्रियंका ने 15,592 वोट हासिल कर अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी को 2,455 वोट के अंतर से शिकस्त दी. सचिव पद के लिए अंकित सिंह सांगवान ने 15,518 वोट हासिल किए. उन्हें 1,383 वोटों के अंतर से जीत मिली. एनएसयूआई के अकेले विजयी उम्मीदवार मोहित को निर्वाचित समिति के सदस्यों में सबसे ज्यादा 16,526 वोट मिले. उन्होंने अपने निकटतम उम्मीदवार को 2,466 वोटों के अंतर से हराया.

डूसू चुनाव कल दो चरणों में हुआ था. चुनाव में एबीवीपी, आईसा और एनएसयूआई के 17 उम्मीदवार खड़े थे. इनमें अध्यक्ष पद के लिए सात, उपाध्यक्ष पद के लिए चार उम्मीदवार मैदान में थे. कुल 1,23,246 मतदाताओं में से 36 प्रतिशत से ज्यादा ने 51 कॉलेजों के 117 बूथ पर अपने वोट डाले. चुनाव परिणाम आने के साथ विजयी उम्मीदवारों के समर्थक ढोल-नगाड़े की आवाज पर नाचने लगे और मतदान केंद्र के बाहर मिठाइयां बांटीं.

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