नयीदिल्ली : राजीव गांधी फाउंडेशन विवादास्पद इस्लामी उपदेशक जाकिर नाइक के एक एनजीओ से 50 लाख रपये का चंदा मिलने की खबरों से विवादों में घिर गया है, हालांकि पैसा लौटा दिया गया है. नाइक पर युवाओं में कट्टरपंथी भावना भरने का आरोप है. भाजपा ने आरोप लगाया है कि 50 लाख रुपये तब सत्ताधारियों को दी गयी रिश्वत थी, ताकि अवैध व राष्ट्रविरोधी गतिविधियां चलायी जा सके.
नाइक के इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन को ‘प्राथमिकता सूची’ में रखने वाले केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार एनजीओ ने राजीव गांधी फाउंडेशन से संबद्ध संस्था राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट (आरजीसीटी) को 2011 में चंदा दिया था. यह संस्था बालिका शिक्षा को बढावा देने में और जरूरतमंदों को अस्पताल खर्च उठाने के लिए धन प्रदान करने के क्षेत्रों में काम करती है.
पंजीकृत गैर सरकारी संगठन आरजीसीटी की स्थापना 2002 में की गयी थी. इसका उद्देश्य देश के वंचितों, खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्र के गरीबों की विकास जरूरतों पर ध्यान देना है. यह संगठन उत्तर प्रदेश और हरियाणा के अति गरीब क्षेत्रों में काम करता है.
इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन :आइआरएफ: के प्रवक्ता आरिफ मलिक ने कहा कि एनजीओ आरजीसीटी को धन दिया गया था. यह संगठन भी 2011 में एफसीआरए के तहत पंजीकृत था. ढाका के एक रेस्तरां में आतंकी हमले के बाद इस साल जुलाई में धन लौटा दिया गया. मलिक ने कहा, ‘‘हमें इस साल जुलाई में पैसा वापस मिल गया जिसकी वजह एनजीओ को ही अच्छी तरह पता होगी. हालांकि मेरा कहना है कि यह एनजीओ अलग क्यों हो गया. हमने अन्य एनजीओ को भी पैसा दिया.’