टैल्गो ट्रेन ने रचा इतिहास, 12 मिनट पहले ही पहुंच गयी दिल्ली से मुंबई
मुंबई/नयी दिल्ली : स्पेनिश टैल्गो ट्रेन का फाइनल ट्रायल शनिवार देर रात पूरा हुआ. टैल्गो ट्रेन ने अपने अंतिम ट्रायल में नयी दिल्ली से मुंबई सेंट्रल के बीच की दूरीबारह घंटे से भी कम समय में पूरी की. दिल्ली-मुंबई राजधानी रूट पर इस ट्रेन ने अपने आखिरी ट्रॉयल में 150किमीप्रति घंटे की रफ्तार पकड़ीऔर 1,384किमी […]
मुंबई/नयी दिल्ली : स्पेनिश टैल्गो ट्रेन का फाइनल ट्रायल शनिवार देर रात पूरा हुआ. टैल्गो ट्रेन ने अपने अंतिम ट्रायल में नयी दिल्ली से मुंबई सेंट्रल के बीच की दूरीबारह घंटे से भी कम समय में पूरी की. दिल्ली-मुंबई राजधानी रूट पर इस ट्रेन ने अपने आखिरी ट्रॉयल में 150किमीप्रति घंटे की रफ्तार पकड़ीऔर 1,384किमी का सफर 11 घंटे 48 मिनट में पूरा किया. वहीं, राजधानी एक्सप्रेस को यह दूरी तय करने में 16 घंटे लगते हैं.
जानकारी के मुताबिक यह ट्रेन दिल्ली से शनिवार दोपहर 2.45 बजे निकली थीऔर इसे मुंबई में रात 2.29 बजे पहुंचना था. इस बार टैल्गो को 12 घंटे से कम में पहुंचने का टारगेट रखा गया था. स्पैनिश ट्रेन टैल्गो ने अपने अंतिम ट्रायल में नयी दिल्ली से मुंबई सेंट्रल के बीच की दूरी 12 घंटे से भी कम समय में पूरी की. शनिवार दोपहर को टैल्गो ने नयी दिल्ली से रवाना होकर मुंबई सेंट्रल तक पहुंचने में 11 घंटे 48 मिनट का समय लिया.
रेलवे बोर्ड के मुताबिक, दिल्ली मुंबई के बीच टाइम टेस्टिंग का ये आखिरी ट्रायल है. इस दौरान ट्रेन को 150 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पर चलाया गया. टैल्गो के ट्रायल कोच 30 साल पुराने हैं, लेकिन जिस तकनीक पर ये डिब्बे चलते हैं, उसका पेटेंट सिर्फ टैल्गो के पास ही है. टैल्गो कंपनी के इंडिया डायरेक्टर सुब्रतो नाथ ने बताया, दिल्ली और मुंबई के बीच रेलवे ट्रैक पर 795 जगह पर घुमाव हैं, जहां पर ट्रेन की रफ्तार के लिए स्पीड लिमिट है. मसलन 1.8 डिग्री के घुमाव के ट्रैक पर राजधानी एक्सप्रेस को 115 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार के नीचे चलाना पड़ता है लेकिन टैल्गो 142 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पर दौड़ सकती है.
सुब्रतो नाथ ने बताया कि दिल्ली-मुंबई ट्रेन रूट पर सैकड़ों ऐसे पुल हैं, जिनपर सभी भारतीय ट्रेनों के लिए स्पीड लिमिट है. इन पुलों पर गुजरने से पहले किसी ट्रेन की रफ्तार घटाकर 15 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पर चलाना पड़ता है, लेकिन टैल्गो के कोच हल्के होने की वजह से इन पुलों पर इनके लिए कोई भी स्पीड लिमिट नहीं है.गौर हाेकि दिल्ली-मुंबई के बीच ट्रायल के तौर पर चलायीगयी इस ट्रेन में महज 9 कोच हैं, जिसमें एक कोच जनरेटर, एक डाइनिंग कार के अलावा 5 सामान्य एसी चेयर कार और 2 एसी एक्जिक्यूटिव क्लास कोच हैं. हर सामान्य कोच में 36 और एक्जिक्यूटिव क्लास कोच में 20 यात्रियों के बैठने की सीट है.