रूस और अमेरिका जाएंगे राजनाथ, पाक प्रायोजित आतंक होगा मुख्य मुद्दा
नयी दिल्ली: पाकिस्तान पर दबाव बढाने के प्रयास के तहत केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह अगले सप्ताह रुस और अमेरिका का दौरा करेंगे जहां वह पड़ोसी देश द्वारा प्रायोजित आतंकवाद और क्षेत्र में आईएसआईएस की गतिविधियों का मुकाबला करने के प्रयासों को लेकर बातचीत करेंगे.सिंह का पांच दिवसीय रूस दौरा आगामी 18 सितम्बर से आरंभ […]
नयी दिल्ली: पाकिस्तान पर दबाव बढाने के प्रयास के तहत केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह अगले सप्ताह रुस और अमेरिका का दौरा करेंगे जहां वह पड़ोसी देश द्वारा प्रायोजित आतंकवाद और क्षेत्र में आईएसआईएस की गतिविधियों का मुकाबला करने के प्रयासों को लेकर बातचीत करेंगे.सिंह का पांच दिवसीय रूस दौरा आगामी 18 सितम्बर से आरंभ हो रहा है. अपने रूस प्रवास के दौरान वह वहां के आंतरिक मामलों के मंत्री व्लादिमीर कोलोकोल्तसेव से द्विपक्षीय बातचीत करेंगे तथा आतंकवाद विरोधी सहयोग पर भारत-रूस के साझा प्रयासों से संबंधित मुद्दों पर बातचीत करेंगे.
दोनों जम्मू-कश्मीर में सीमापार आतंकवाद और देश एवं पडोस में आईएसआईएस की बढती गतिविधियों पर भी चर्चा करेंगे.गृह मंत्री 26 सितम्बर को सात दिवसीय अमेरिकी यात्रा पर वाशिंगटन पहुंचेंगे वह अपने अमेरिकी समकक्ष जेह चार्ल्स के साथ भारत-अमेरिका गृह सुरक्षा संवाद पर बातचीत करेंगे.अपने अमेरिका प्रावास के दौरान सिंह भारत में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद और क्षेत्र में आईएसआईएस की गतिविधियों का मुद्दा उठाएंगे.
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘रुस और अमेरिका की अपनी द्विपक्षीय यात्राओं के दौरान गृह मंत्री सीमापार आतंकवाद में पाकिस्तान की सीधी संलिप्तता और भारत एवं उसके पडोस में आईएसआईएस की बढती गतिविधियों का उल्लेख करेंगेगृह मंत्री राजनाथ सिंह आतंकवाद विरोधी सहयोग को बढाने को लेकर अपने रुसी और अमेरिकी समकक्षों के साथ बातचीत करेंगे.दोनों देशों के साथ बातचीत में जिन अन्य मुद्दों पर चर्चा होगी उनमें वांछित अपराधियों के प्रत्यर्पण और वीजा प्रणाली को उदार बनाने के विषय शामिल हैं.
मोदी सरकार के इस वरिष्ठ मंत्री का एक सप्ताह के भीतर दुनिया के दो प्रमुख देशों का दौरा करने का इस संदर्भ में खासा महत्व है कि भारत ने पाकिस्तान से होने वाले ‘आतंकवाद के निर्यात’ का मुद्दा उठाता रहा है.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में जी-20, ब्रिक्स बैठक और पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में इस मुद्दे को मजबूती के साथ उठाया था। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय का आह्वान किया था कि वह आतंकवाद को बढावा देने वालों को अलग-थलग करें और उनको प्रतिबंधित करें