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विविधता भारत की ताकत है, समस्या नहीं : भागवत

वडोदरा : उल्लेख करते हुए कि भारत की विविधता उत्सव का विषय है और यह समस्या नहीं है, जैसा कि बाहरी लोग ऐसा सोचते हैं, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने आज लोगों से सभी धर्मों के त्यौहार को देश की एकता की ‘‘मजबूती” के लिए मनाने को कहा. उन्होंने कहा कि ‘‘क्षुद्र मानसिकता” वाले लोग […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 11, 2016 10:41 PM

वडोदरा : उल्लेख करते हुए कि भारत की विविधता उत्सव का विषय है और यह समस्या नहीं है, जैसा कि बाहरी लोग ऐसा सोचते हैं, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने आज लोगों से सभी धर्मों के त्यौहार को देश की एकता की ‘‘मजबूती” के लिए मनाने को कहा.

उन्होंने कहा कि ‘‘क्षुद्र मानसिकता” वाले लोग रंग, भाषा आदि के आधार पर दुनिया को बांटते हैं और इसलिए भारतीयों को ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के संदेश को फैलाने का प्रयास करना चाहिए. वह यहां डांडिया बाजार में सिद्धि विनायक मंदिर में लोगों को संबोधित कर रहे थे. भागवत ने सोने से बना ‘पवित्र धागा’ मंदिर में भगवान को अर्पित किया. रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर भी इस अवसर पर मौजूद थे.

उन्होंने कहा, ‘‘विदेशियों को हैरानी होती है कि भारतीय इतनी विविधता में कैसे रहते हैं. ब्रिटिश को भी लगता था कि अगर देश को आजादी मिल गयी तो भारतीयों में आपस में लड़ाई होगी.” आरएसएस प्रमुख ने कहा, ‘‘हम विविधता को समस्या की बजाए उत्सव के तौर पर देखते हैं. भारत को वसुधैव कुटुंबकम का संदेश फैलाना है.” उन्होंने कहा, ‘‘क्षुद्र मानसिकता वाले लोग दुनिया को रंग, भाषा आदि के आधार पर बांटते हैं लेकिन उदार मानसिकता वाले लोग पूरे विश्व को अपना मानते हैं.”

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