संसद सत्र में सरकार को करना पड़ेगा नये दबाव समूह का सामना

नयी दिल्ली : लोकसभा चुनाव से पहले तीसरे मोर्चे के उभरने पर चर्चा के जोर पकड़ने के बीच सरकार को संसद के विस्तारित शीतकालीन सत्र के दौरान कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर भाजपा के अलावा विपक्ष के नये दबाव समूह का सामना करना पड़ेगा. वाममोर्चा और अन्य दलों की ओर से गैर कांग्रेसी, गैर भाजपा गठजोड़ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 3, 2014 11:46 AM

नयी दिल्ली : लोकसभा चुनाव से पहले तीसरे मोर्चे के उभरने पर चर्चा के जोर पकड़ने के बीच सरकार को संसद के विस्तारित शीतकालीन सत्र के दौरान कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर भाजपा के अलावा विपक्ष के नये दबाव समूह का सामना करना पड़ेगा.

वाममोर्चा और अन्य दलों की ओर से गैर कांग्रेसी, गैर भाजपा गठजोड़ बनाने के प्रयास किये जा रहे हैं. इस दिशा में वामदलों, सपा, जदयू, जदएस, अन्नाद्रमुक, बीजद, अगप और जेवीएम (पी) के संसदीय पार्टी के नेताओं की 5 फरवरी को संसद भवन के समिति कक्ष में बैठक निर्धारित है जिसमें वे सरकार के खिलाफ सदन में साझा रणनीति तय करने पर बात करेंगे.

इस रणनीति के खाका पर माकपा नेता सीताराम येचूरी, सपा नेता रामगोपाल यादव और जदयू महासचिव के सी त्यागी ने दिल्ली में 27 जनवरी को चर्चा की थी. इस पहल से जुड़े एक वरिष्ठ राजनयिक ने कहा कि केंद्र राज्य संबंध विशेष तौर पर संघीय अधिकार के विषय ने इन क्षेत्रीय छत्रपों को करीब लाने का काम किया है.

इस बारे में पूछे जाने पर जदयू नेता के सी त्यागी ने कहा कि चार राज्यों में हुए हाल के विधानसभा चुनाव के परिणामों से एक बात स्पष्ट तौर पर उभर कर सामने आई है कि देश में कांग्रेस विरोध मूड है.

Next Article

Exit mobile version