‘जांच से पता चलता है कि स्कॉर्पीन लीक मामला फ्रांस में हुआ, भारत में नहीं”

मुंबई : स्कॉर्पीन डाटा लीक मामले में प्रारंभिक जांच में पाया गया कि लीक भारत में नहीं हुआ बल्कि फ्रांस में रक्षा कंपनी डीसीएनएस के कार्यालय में हुआ है. यह बात आज यहां नौसेना प्रमुख एडमिरलसुनील लांबाने कही.वह प्रोजेक्ट 15बी के दूसरे पोत निर्देशित मिसाइल विध्वंसक मुर्मुगोवा को शुरू करने के बाद बोल रहे थे. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 17, 2016 4:10 PM

मुंबई : स्कॉर्पीन डाटा लीक मामले में प्रारंभिक जांच में पाया गया कि लीक भारत में नहीं हुआ बल्कि फ्रांस में रक्षा कंपनी डीसीएनएस के कार्यालय में हुआ है. यह बात आज यहां नौसेना प्रमुख एडमिरलसुनील लांबाने कही.वह प्रोजेक्ट 15बी के दूसरे पोत निर्देशित मिसाइल विध्वंसक मुर्मुगोवा को शुरू करने के बाद बोल रहे थे.

एडमिरल लांबा ने कहा, ‘‘उच्चस्तरीय समिति हमारी तरफ भी स्कॉर्पीन लीक मामले की जांच कर रही है.’ उन्होंने कहा, ‘‘इस जांच के आधार पर हम देखेंगे कि क्या करने की जरूरत है, किसी एहतियाती कदम की जरूरत है अथवा नहीं.’ नौसेना प्रमुख ने कहा, ‘‘मामले में प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि लीक भारत में नहीं हुआ बल्कि फ्रांस में डीसीएनएस के कार्यालय में हुआ.’ उन्होंने कहा, ‘‘फ्रांस में डीसीएनएस और फ्रांस सरकार ने जांच शुरू की है. इस जांच के आधार पर हम देखेंगे कि क्या करने की जरूरत है.’ भारतीय नौसेना के लिए मुंबई में डीसीएनएस के सहयोग से बनने वाले छह अति उन्नत स्कॉर्पीन पनडुब्बी की क्षमता से संबंधित 22 हजार पन्नों से ज्यादा गोपनीय डाटा लीक हो गया जिससे सुरक्षा प्रतिष्ठानों में खलबली मच गई थी.

स्कॉर्पीन पनडुब्बियों की क्षमता उस समय सार्वजनिक हो गई जब ऑस्ट्रेलियाई अखबार द ऑस्ट्रेलियन ने वेबसाइट पर इसके ब्यौरे को उजागर कर दिया. ये पनडुब्ब्यिां 3 . 5 अरब डॉलर की लागत से मुंबई के मझगांव डॉक पर बनाई जानी है.लीक दस्तावेजों में से कुछ सूचना पनडुब्बियों के जल के अंदर युद्ध प्रणाली पर निर्देशन संचालन के बारे में थे जिनका उपयोग पानी के अंदर खुफिया सूचना जुटाने में होता है.

इससे पहले स्वदेश निर्मित युद्धक पोत मुर्मुगोवा को लांच किया गया जो उच्च तकनीक के मिसाइल से लैस है. नौसेना प्रमुख ने कहा कि युद्धक विध्वंसक पोत की तुलना दुनिया के बेहतरीन पोत से किया जा सकता है.पोत का निर्माण सरकारी मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड द्वारा किया गया है और प्रोजेक्ट 15 बी के तहत यह विशाखापत्तनम श्रेणी का पोत है.पोत का परीक्षण किया जाएगा और इसे आईएनएस मुर्मुगोवा के नाम से जाना जाएगा.

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