कांग्रेस ने विज्ञापन पर खर्च के लिए आप से 854 करोड़ रुपये वसूलने की मांग की

नयी दिल्ली: कांग्रेस ने दिल्ली में सत्तारुढ आम आदमी पार्टी से पार्टी का प्रचार करने के लिए विज्ञापन प्रकाशित करने के लिए तकरीबन 854 करोड़ रुपये वसूल करने की मांग की. केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त एक समिति ने एक दिन पहले कहा था कि केजरीवाल सरकार ने विज्ञापनों पर सरकारी खजाने से धन खर्च किया. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 17, 2016 7:47 PM

नयी दिल्ली: कांग्रेस ने दिल्ली में सत्तारुढ आम आदमी पार्टी से पार्टी का प्रचार करने के लिए विज्ञापन प्रकाशित करने के लिए तकरीबन 854 करोड़ रुपये वसूल करने की मांग की. केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त एक समिति ने एक दिन पहले कहा था कि केजरीवाल सरकार ने विज्ञापनों पर सरकारी खजाने से धन खर्च किया.

कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता और दिल्ली प्रदेश कांग्रेस प्रमुख अजय माकन ने संवाददाताओं से कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनके प्रशासन की भी सीबीआई या किसी अन्य एजेंसी से मामले में ‘अपराधिता’ के लिए जांच कराई जानी चाहिए. माकन ने जोर दिया कि उपराज्यपाल नजीब जंग को वाणिज्यिक दर से विज्ञापन लागू की वसूली सुनिश्चित करनी चाहिए, जो डीएवीपी (विज्ञान एवं दृश्य प्रचार निदेशालय) की लागत से तिगुनी दर पर जारी किए जाते हैं क्योंकि उन्हें सत्तारुढ आप और उसके नेताओं का प्रचार करने के लिए जारी किया गया. उन्होंने कहा कि आप ने अपनी सरकार के कार्यकाल के दौरान 284.67 करोड़ रुपये खर्च किए, जो दिल्ली के बाहर प्रकाशित किए गए थे.
उन्होंने कहा, ‘‘अगर आप ने ये विज्ञापन गैर डीएवीपी दरों पर जारी किए होते, जो उससे तीन गुना अधिक होते हैं, तो इसकी लागत 850 करोड़ रुपये से अधिक होती। समिति के आदेश के अनुसार, आप दिल्ली सरकार को 854 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान करने के लिए जिम्मेदार है.’
पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त बी बी टंडन की अध्यक्षता वाली केंद्र सरकार की एक समिति ने कल अपनी रिपोर्ट में आप सरकार को आडे हाथों लेते हुए कहा था कि उसने उच्चतम न्यायालय के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी का प्रचार करने के लिए सार्वजनिक धन को खर्च किया और सत्तारुढ दल से इसकी प्रतिपूर्ति करने को कहा. तीन सदस्यीय समिति का गठन सरकारी विज्ञापनों में सामग्री नियमन से संबंधित मु्दों का निराकरण करने के लिए उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने किया था.

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