मरीन बायोलॉजिस्ट बन लें समुद्री दुनिया की थाह

पारिस्थितकीय तंत्र में मौजूद समस्त जीवों की कल्पना और उनका अध्ययन करना किसी रोमांचकारी अनुभव से कम नहीं है. आप जीव विज्ञान यानी बॉयोलॉजी में तमाम छोटे-बड़े जीव-जंतुओं, पेड़-पौधों की पढ़ाई करते हैं. इसकी एक विशेष शाखा है – मरीन बॉयोलॉजी, जहां समुद्र के नीचे जीवन का अध्ययन करना होता है. समुद्र लाखों प्रजातियों के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 18, 2016 6:54 AM

पारिस्थितकीय तंत्र में मौजूद समस्त जीवों की कल्पना और उनका अध्ययन करना किसी रोमांचकारी अनुभव से कम नहीं है. आप जीव विज्ञान यानी बॉयोलॉजी में तमाम छोटे-बड़े जीव-जंतुओं, पेड़-पौधों की पढ़ाई करते हैं. इसकी एक विशेष शाखा है – मरीन बॉयोलॉजी, जहां समुद्र के नीचे जीवन का अध्ययन करना होता है. समुद्र लाखों प्रजातियों के लिए एक जैवतंत्र निर्मित करता है. समुद्र में अतिसूक्ष्म जीवों से लेकर विशालकाय व्हेल तक, न जानें कितनी प्रजातियों का घर है. इनके बारे में जानने और दुनिया को जताने में यदि आपकी रुचि है, तो इस क्षेत्र में आपके लिए अलग-अलग स्तरों पर संभावनाओं की कमी नहीं है.

अध्ययन का काफी िवस्तृत क्षेत्र है मरीन बॉयोलॉजी

मरीन बॉयोलॉजी से कई कैरियर राहें निकलती हैं. मरीन बॉयोलॉजिस्ट के रूप में आपको समुद्रीय तंत्र में पाये जानेवाले पौधों, जीवों, अतिसूक्ष्म जीवों की विभिन्न प्रजातियों के प्रकार, उनके जीवन, पर्यावरणीय प्रभाव, उनके बर्ताव का बारीकी से अध्ययन करना होता है. इस क्षेत्र में उच्च शिक्षा के ढेर सारे मौके हैं. आप क्षेत्र विशेष का चुनाव कर स्पेशलाइजेशन कर सकते हैं. मरीन बॉयोटेक्नोलॉजी रिसर्च एक ऐसा ही उभरता हुए क्षेत्र है. मरीन बॉयोटेक्नोलॉजी की कई क्षेत्रों में भूमिका महत्वपूर्ण होती है. मेडिसिन डेवलपमेंट के लिए समुद्र एक प्रमुख स्रोत है. मोलेकुलर बॉयोलॉजी भी ऐसा ही क्षेत्र है, जहां समुद्रीय जीवाश्मों, माइक्रोस्कोपिक बैक्टीरिया, प्रदूषकों और उनके प्रभावों का अध्ययन करना होता है.

विज्ञान के कई क्षेत्रों में मरीन बॉयोटेक्नोलॉजी की भूमिका

मरीन बॉयोटेक्नोलॉजी की भूमिका विज्ञान और प्रौद्योगिकी से जुड़ी कई बड़ी समस्याओं का हल निकालने में सक्षम है. खास कर समुद्री स्रोतों से मिलनेवाले फूड, एनर्जी और अन्य समुद्री जीव केमिकल और बॉयोमेडिकल जैसी इंडस्ट्री में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने में सक्षम हैं. इसके अलावा अन्य क्षेत्रों की बात करें तो ओशिनोग्राफी, मरीन एक्वाकल्चर, मरीन एनवायर्नमेंट और हैबिटेट,डॉल्फिन बॉयोलॉजी के क्षेत्र में मरीन बॉयोजिस्ट की केंद्रीय भूमिका होती है.

विज्ञान स्नातक कर सकते

हैं पढ़ाई

समुद्रीय विज्ञान या इसकी अन्य शाखाओं में कैरियर बनाने के लिए आपका प्योर साइंस (मैथ्स के साथ) स्नातक होना अनिवार्य है. आमतौर पर मरीन बॉयोलॉजी स्पेशलाइजेशन कोर्स होता है, जो मास्टर स्तर पर होता है. मरीन बॉयोलॉजी में एमएससी करने के बाद एमफिल और पीएचडी कर सकते है. मरीन बॉयोलॉजी में एनर्जी रिसोर्सेज व कंजरवेशन के अलावा इकोलॉजी, पोल्यूशन, बॉयोकेमिस्ट्री, एनाटॉमी आदि विषयों की पढ़ाई शामिल होती है.

जॉब के मौके

मरीन बॉयोलॉजिस्ट के लिए कॉलेज या विश्वविद्यालय में पढ़ाने के अलावा मरीन प्रजातियों पर रिसर्च करने का ऑप्शन होता है. मरीन बॉयोलॉजी में मास्टर्स करने के बाद सरकारी विभागों, कोस्टल अथॉरिटी, मरीन लैब, एनवायर्नमेंटल लैब, वाटर इंडस्ट्री और इको-टूरिज्म जैसे कुछ महत्वपूर्ण क्षेत्रों में पहचान बनाने का मौका मिलता है. इसके अलावा विदेशों में अच्छे पैकेज पर इंडस्ट्री और रिसर्च दोनों क्षेत्रों में कैरियर तलाश सकते हैं.

वैसे तो विज्ञान स्नातक छात्रों के सामने कैरियर के ढेर सारे विकल्प होते हैं. लेकिन, लीक से हट कर कुछ ऐसे भी कैरियर हैं, जो संभावनाओं की न केवल नयी राह दिखाते हैं, बल्कि नयी दुनिया के अलग-अलग पहलुओं से भी रू-ब-रू कराते हैं. ऐसा ही एक कैरियर है – मरीन बॉयोलॉजिस्ट का. बॉयोटेक्नोलॉजी के प्रसार, एनर्जी व एनवायर्नमेंटल साइंस की बढ़ती महत्ता, इस क्षेत्र में आनेवाले लोगों के लिए सबसे बड़ा आकर्षण है. समुद्री विज्ञान के इस रोमांचकारी क्षेत्र में जाने के लिए क्या आप भी तैयार हैं?

कुछ प्रमुख संस्थान

– डिपार्टमेंट ऑफ कोस्टल डिजास्टर मैनेजमेंट

पांडिचेरी यूनिवर्सिटी (पोर्टब्लेयर कैंपस).

http://www.pondiuni.edu.in/content/port-blair-campus

– कोचीन यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, कोच्चि, केरल.

http://dpo.cusat.ac.in/

– बरहाम पुुर यूनिवर्सिटी, ओड़िशा. http://www. buodisha.edu.in/

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