सातवां वेतन आयोग बना, जस्टिस माथुर बने अध्यक्ष
नयी दिल्लीः प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सातवें वेतन आयोग के अध्यक्ष व अन्य पदाधिकारियों के नामों को मंजूरी दे दी है, जो केंद्र सरकार के 50 लाख कर्मचारियों के वेतनमानों में संशोधन की सिफारिश करेगा. वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को जारी एक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री ने सातवें केंद्रीय वेतन आयोग के गठन को […]
नयी दिल्लीः प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सातवें वेतन आयोग के अध्यक्ष व अन्य पदाधिकारियों के नामों को मंजूरी दे दी है, जो केंद्र सरकार के 50 लाख कर्मचारियों के वेतनमानों में संशोधन की सिफारिश करेगा. वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को जारी एक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री ने सातवें केंद्रीय वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी. सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज अशोक कुमार माथुर को आयोग का अध्यक्ष बनाया गया है.
आयोग में और कौन : पेट्रोलियम सचिव विवेक राय इस आयोग के पूर्णकालिक सदस्य होंगे. रथिन राय (निदेशक नेशनल इंस्टीच्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस एंड पॉलिसी) आयोग के अंशकालिक सदस्य होंगे तथा मीना अग्रवाल (व्यय विभाग की विशेष कार्य अधिकारी) इसकी सचिव होंगी. सितंबर 2013 में प्रधानमंत्री ने सातवें वेतन आयोग के गठन की मंजूरी दी थी.
पिछले साल मिली थी मंजूरी
कब तक रिपोर्ट
आयोग को दो साल में रपट सौंपने का जिम्मा दिया गया है. इसकी सिफारिशें एक जनवरी 2016 से लागू होंगी.
चुनाव से ठीक पूर्वसरकार ने आयोग का गठन आम चुनाव से ठीक पहले किया है. इसे कर्मचारियों को रिझाने की कोशिश माना जा रहा है.
80 लाख को फायदा
आयोग की सिफारिशों से रक्षा और रेल विभाग समेत केंद्र के 50 लाख कर्मचारियों और करीब 30 लाख पेंशनधारी लोगों को फायदा होगा.
10 साल में होता है गठन
सरकार हर 10 साल पर कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी के लिए वेतन आयोग का गठन करती है. कुछ बदलाव के साथ राज्य सरकारें भी इस पर अमल करती हैं.
छठा वेतन आयोग
एक जनवरी 2006 से लागू हुआ था, जबकि पांचवां वेतन आयोग एक जनवरी 1996 और चौथा वेतन आयोग एक जनवरी 1986 को लागू हुआ था.