अदालत ने बसपा सांसद के खिलाफ आरोपपत्र का संज्ञान लिया
नयी दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने बसपा सांसद धनंजय सिंह और उनकी पत्नी जागृति सिंह के खिलाफ दायर आरोपपत्र का आज संज्ञान लिया. इन दोनों को अपनी नौकरानी की हत्या के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था. मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट गोमती मनोचा ने आरोप पत्र का संज्ञान लेने के बाद यह मामला सत्र न्यायालय […]
नयी दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने बसपा सांसद धनंजय सिंह और उनकी पत्नी जागृति सिंह के खिलाफ दायर आरोपपत्र का आज संज्ञान लिया. इन दोनों को अपनी नौकरानी की हत्या के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था. मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट गोमती मनोचा ने आरोप पत्र का संज्ञान लेने के बाद यह मामला सत्र न्यायालय को भेज दिया जिस पर दस फरवरी को सुनवाई होगी.
पुलिस ने एक फरवरी को जागृति को भादंसं की धारा 302 (हत्या), 307 (हत्या का प्रयास), 344 (गलत तरीके से दस या अधिक दिनों तक बंधक बनाना), 506 (आपराधिक धमकी) और 201 :साक्ष्य को नष्ट करना: सहित विभिन्न अपराधों में आरोपित किया है. उत्तरप्रदेश के जौनपुर संसदीय क्षेत्र से बसपा के वर्तमान सांसद धनंजय पर भादंसं की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाये गये है. इनमें साक्ष्य को नष्ट करना और हत्या के अपराध के लिए उकसाना एवं हत्या का प्रयास करने के आरोप शामिल है.धनंजय और उनकी डॉक्टर पत्नी इस समय न्यायिक हिरासत में हैं. पुलिस ने अपने आरोपपत्र में कहा था कि जागृति अपने घरेलू नौकरों की ‘‘निर्दयता से पिटाई’’ करती थी और नौकरों को बंधक बनाकर उन्हें काम करने के लिए ‘‘बाध्य’’ करती थी. यह भी आरोप है कि नौकरों को 175, साउथ एवेन्यू से बाहर जाने की अनुमति नहीं थी जहां यह घटना घटी.
पुलिस ने दावा किया कि धनंजय और उनकी पत्नी ने 175, साउथ एवेन्यू में लगे सीसीटीवी कैमरे के डाटा से ‘‘छेड़छाड़’’ की होगी. दंपति को पिछले वर्ष पांच नवम्बर को उनकी नौकरानी राखी भद्रा की हत्या के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था. भद्रा का शव धनंजय के दक्षिण एवेन्यू स्थित आवास से पिछले वर्ष चार नवम्बर की शाम को बरामद किया गया था और उसके पैर, सीने एवं बांहों पर जख्म के निशान थे.पुलिस ने अपने आरोपपत्र में कहा कि दंपति अपने फोन पर लगातार संपर्क में थे. इसने दावा किया कि जांच के दौरान जागृति अपने तीनों घरेलू नौकरों की हिरण के धातु की सींग, छड़ी और आयरन प्रेस से पिटाई करती थी. गवाहों के बयानों का जिक्र करते हुए पुलिस ने दावा किया कि धनंजय को नौकरों के प्रति जागृति के व्यवहार के बारे में बताया गया था लेकिन उन्होंने इस मामले में कोई ‘‘सकारात्मक कदम’’ नहीं उठाए. इससे पहले पुलिस ने धनंजय पर एक अन्य मामले में आरोपपत्र दायर किया था जिसमें उन पर रेलवे की 42 वर्षीय एक कर्मचारी से लगातार चार वर्षों तक बलात्कार का आरोप है.