‘आप’ का दावा,2जी घोटाले में द्रमुक नेताओं की भूमिका पर ‘‘अतिरिक्त’’ सबूत सामने आये

नयी दिल्ली : आम आदमी पार्टी (आप) ने आज दावा किया कि 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले के मामले में ऐसे अतिरिक्त ‘‘सबूत’’ सामने आए हैं जिसमें द्रमुक अध्यक्ष एम करुणानिधि, उनकी बेटी कनिमोझी और तमिलनाडु के एक आला पुलिस अधिकारी की भूमिकाएं दिखायी गयी हैं. बहरहाल, करुणानिधि ने ‘आप’ के आरोपों को ‘‘पूरी तरह झूठ’’ करार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 4, 2014 8:57 PM

नयी दिल्ली : आम आदमी पार्टी (आप) ने आज दावा किया कि 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले के मामले में ऐसे अतिरिक्त ‘‘सबूत’’ सामने आए हैं जिसमें द्रमुक अध्यक्ष एम करुणानिधि, उनकी बेटी कनिमोझी और तमिलनाडु के एक आला पुलिस अधिकारी की भूमिकाएं दिखायी गयी हैं. बहरहाल, करुणानिधि ने ‘आप’ के आरोपों को ‘‘पूरी तरह झूठ’’ करार देकर खारिज कर दिया.

‘आप’ के नेता प्रशांत भूषण, योगेंद्र यादव एवं अन्य ने एक संवाददाता सम्मेलन आयोजित कर कहा कि हाल ही में नई टेप की गयी बातचीत सामने आयी है जो उस घोटाले पर ‘‘और ज्यादा रोशनी डालती’’ है जिसमें करुणानिधि की बेटी कनिमोझी के खिलाफ सीबीआई ने आरोप-पत्र दाखिल किया है. भूषण ने स्वीकार किया कि ‘आप’ स्वतंत्र रुप से टेप की प्रामाणिकता को सत्यापित नहीं कर सकती पर प्रथम दृष्टया वे सही लगते हैं. उन्होंने दावा किया कि ऐसा लगता है कि किसी ने नोकिया मोबाइल फोन पर उसे रिकॉर्ड किया है. चेन्नई में गोपालपुरम स्थित अपने आवास के बाहर करुणानिधि ने संवाददाताओं को बताया, ‘‘ये सब झूठ है. सब झूठ है. सब झूठ है.’’

भूषण के मुताबिक, टेपों में राज्य पुलिस के एक आला अधिकारी और करुणानिधि के कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के बीच की बातचीत दर्ज है. एक टेप में पुलिस अधिकारी और कनिमोझी के बीच की कथित बातचीत भी दर्ज है. कथित बातचीत नवंबर 2010 और फरवरी 2011 के बीच हुई जब करुणानिधि मुख्यमंत्री थे. ‘आप’ ने घोटाले पर ‘‘पर्दा डालने’’ में करुणानिधि और पुलिस अधिकारी की ओर से निभायी गयी कथित भूमिका की स्वतंत्र जांच की मांग की. उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि कथित बातचीत में एक सब्सिडियरी के जरिए कनिमोझी के एक सहयोगी को टाटा समूह द्वारा संपत्तियों की लेन-देन का संदर्भ भी शामिल है.

‘आप’ नेता ने कहा कि टेपों के सामने आने से संपत्ति की लेन-देन की जांच जरुरी हो जाती है और इसकी जांच भी होनी चाहिए कि तत्कालीन द्रमुक सरकार ने टाटा समूह को किस तरह फायदा पहुंचाया. भूषण ने कहा कि वह उच्चतम न्यायालय के समक्ष वे टेप रखेंगे क्योंकि शीर्ष न्यायालय 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले की जांच की निगरानी कर रहा है. संपर्क किए जाने पर टाटा संस के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘टाटा की कंपनियों के खिलाफ लगाए गए आरोपों की संबंधित अधिकारियों ने बार-बार जांच की है. ऐसा पाया गया है कि टाटा की कंपनियों का व्यवहार उचित रहा है.’’

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