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ओड़िसा सरकार ने लिखित जवाब में कहा, दाना मांझी ने नहीं मांगी थी मदद

भुवनेश्वर : ओडिशा सरकार ने आज इस बात से इंकार किया कि अधिकारियों ने दाना मांझी को शववाहन मुहैया कराने से इंकार कर दिया था और इस वजह से उन्हें 10 किलोमीटर तक अपनी पत्नी का शव अपने कंधे पर ढोना पडा. प्रदेश सरकार ने विधानसभा में कहा कि मांझी ने भवानीपटना जिला मुख्यालय अस्पताल […]

भुवनेश्वर : ओडिशा सरकार ने आज इस बात से इंकार किया कि अधिकारियों ने दाना मांझी को शववाहन मुहैया कराने से इंकार कर दिया था और इस वजह से उन्हें 10 किलोमीटर तक अपनी पत्नी का शव अपने कंधे पर ढोना पडा.

प्रदेश सरकार ने विधानसभा में कहा कि मांझी ने भवानीपटना जिला मुख्यालय अस्पताल छोडने के पहले कोई मदद नहीं मांगी थी. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री अतनु एस नायक ने कांग्रेस सदस्य प्रफुल्ल मांझी द्वारा पूछे गए एक सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी. नायक ने कहा कि इस घटना में दोषी ठहराते हुए एक संविदाकर्मी नर्स को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया और भवानीपटना अस्पताल की सुरक्षा करने वाली एजेंसी को भी हटा दिया गया है.
नायक ने कालाहांडी जिला के मुख्य मेडिकल कार्यालय द्वारा सरकार को भेजी गयी रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि मांझी ने 23 अगस्त की रात अस्पताल के किसी भी कर्मचारी से कोई शववाहन या किसी अन्य प्रकार की मदद नहीं मांगी थी. उन्होंने कहा कि अगर गरीब मरीज ने संपर्क किया होता तो मुख्यमंत्री राहत कोष या रोगी कल्याण समिति या रेडक्रास कोष के जरिए शव ले जाने की व्यवस्था की जा सकती थी.
मांझी ने 24 अगस्त को कहा था कि अस्पताल ने शव ले जाने के लिए कोई मदद करने से इंकार कर दिया और उसे 10 किलोमीटर तक अपनी पत्नी का शव अपने कंधे पर ढोना पडा. मांझी ने संवाददाताओं से कहा था, ‘‘स्टाफ नर्स ने मुझे शव ले जाने के लिए कहा क्योंकि महिला की मौत हो गयी थी. मैंने अपनी पत्नी की मौत के बारे में जानकारी देने के लिए 23 अगस्त की रात डाक्टर का दरवाजा भी खटखटाया. डाक्टर ने दरवाजे के पीछे से ही शव ले जाने को कहा.”

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