बलूचिस्तान को लेकर यूरोपीय यूनियन ने पाकिस्तान को धमकाया
नयी दिल्ली : बलूचिस्तान मामले को लेकर पाकिस्तान की कलई अब खुलनी शुरू हो गयी है. बलूचिस्तान को भारत के साथ-साथ यूरोपीय यूनियन का भी समर्थन मिलना शुरू हो गया है. बलूचिस्तान के लोगों के साथ एकजुटता दिखाते हुए यूरोपीय यूनियन ने पाकिस्तान को धमकी दी है, कि अगर पाकिस्तान बलूचिस्तान में मानवाधिकार को नहीं […]
नयी दिल्ली : बलूचिस्तान मामले को लेकर पाकिस्तान की कलई अब खुलनी शुरू हो गयी है. बलूचिस्तान को भारत के साथ-साथ यूरोपीय यूनियन का भी समर्थन मिलना शुरू हो गया है. बलूचिस्तान के लोगों के साथ एकजुटता दिखाते हुए यूरोपीय यूनियन ने पाकिस्तान को धमकी दी है, कि अगर पाकिस्तान बलूचिस्तान में मानवाधिकार को नहीं रोक पाया तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं.
यूरोपीय यूनियन ने पाकिस्तान पर आर्थिक और राजनीतिक प्रतिबंधन लगाने की चेतावनी दे दी है. यूरोपीय संसद के वाइस प्रेजिडेंट रिसजार्ड जारनेकी ने कहा, मानवाधिकार को लेकर हो रही चर्चा के दौरान मैंने यूरोपीयन यूनियन को बताया कि अगर हमारे सहयोगी देश मानवाधिकार की कद्र नहीं करते हैं तो हमें उनपर आर्थिक प्रतिबंध के बारे में सोचना चाहिए.
उन्होंने कहा, पाकिस्तान के साथ हमारा द्विपक्षीय आर्थिक और राजनीतिक संबंध हैं. अगर पाक बलूचिस्तान को लेकर अपना रुख नहीं बदला तो हमें भी पाकिस्तान के साथ अपने रिश्ते को लेकर सोचना पड़ेगा. उन्होंने पाकिस्तान को लताड़ते हुए कहा, एक ओर तो पाकिस्तान पूरी दुनिया में अपनी स्वच्छ छवि दिखाता है और दूसरी ओर बलूचिस्तान में मानवाधिकार का खुला उल्लंघन कर रहा है. जारनेकी ने माना कि पाकिस्तानी सरकार सेना के अधिन काम करती है. सेना जैसा चाहता है वैसी सरकार को काम करना पड़ता है.
गौरतलब हो कि अलग राष्ट्र की मांग को लेकर बलूचिस्तान में पाकिस्तान के खिलाफ कई वर्षों से विरोध प्रदर्शन किये जा रहे हैं. बलूचिस्तान इस बार खबरों में और प्रमुख्ता के साथ तब आया जब भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से बलूचिस्तान का समर्थन किया और वहां के लोगों पर हो रहे जुल्म पर संवेदना जतायी.