नयी दिल्ली : उरी हमले के बाद भारतीय सेना ने कश्मीर से दो लोगों को गिरफ्तार किया है. इस संबंध में सेना का कहना है कि ये दोनों लोग आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के लिए गाइड के तौर पर काम करते थे. दोनों आतंकियों को भारत में घुसने का रास्ता बताते थे ताकि हमला आसानी से किया जा सके. ये दोनों ही लोग पाक अधिकृत कश्मीर के निवासी हैं. इन लोगों को उरी सेक्टर से ही गिरफ्तार किया गया है.
आर्मी के प्रवक्ता कर्नल राजेश कालिया ने जानकारी देते हुए कहा कि पकड़े गए लोगों की पहचान अहसान खुर्शीद और फहसल के रूप में हुई है. खुर्शीद पीओके के खलीना कलां का निवासी है जबकि फैसल पुत्था जानगीर का रहने वाला है. दोनों को सेना और बीएसफ ने मिलकर बुधवार (21 सितंबर) को दबोचा हैं. दोनों ही लड़कों की उम्र 15-16 साल के करीब है.
अंग्रजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस ने आज इसको लेकर खबर छापी है जिसमें कहा गया है कि दोनों को जमुन पोस्ट के पास के पकड़ा गया है जो कि लाइन ऑफ कंट्रोल के पास है. हालांकि, सेना की ओर से यह भी कहा गया है कि दोनों की उरी हमले में कोई भूमिका नहीं है. कर्नल कालिया ने बताया कि पीओके में रहने वाले इन दोनों लड़कों को दो साल पहले ही संगठन में भर्ती किया गया है.
आपको बता दें कि शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर के अखनूर में भी एक शख्स को सीमा पार से घुसपैठ की कोशिश करते पकड़ा गया. उस शख्स का नाम अब्दुल कयूम है. कयूम ने पूछताछ में कई अहम खुलासे किये हैं. उसने कबूला है कि उसे पाकिस्तान में आर्मी ट्रेनिंग मिली थी. इसके अलावा उसने लश्कर के लिए फंड जुटाने की बात भी स्वीकार की है. इस खुलासे से पाकिस्तान के नापाक इरादों का खुलासा हुआ है. उसने स्वीकार किया है कि वह लश्कर के कैंप में भी ट्रेनिंग ले चुका है. आतंकी ने लश्कर के लिए 50 लाख रुपये जुटाने का दावा किया है. लश्कर के लिए वह प्रचार भी करता था.