नयी दिल्ली : उरी हमले को लेकर पैदा आक्रोश के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार यानी आज बैठक बुलायी है. इस बैठक में सिंधु जल समझौते को लेकर फैसला लिया जाना है. जल संसाधान मंत्री उमा भारती व मंत्रालय के वरीय अधिकारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ब्रीफ करेंगे.
आपको बता दें कि 56 साल पहले दोनों देशों के बीच यह समझौता किया गया था. अगर जल संधि तोड़ा जाता है, तो भारत से बहने वाले नदियों के पानी को पाकिस्तान की ओर जाने से रोक सकता है. फिर पाकिस्तान में पानी के लिए हाहाकार मचेगा. उरी हमले के बाद पाक की चौतरफा घेरेबंदी में जुटे भारत ने कहा कि ऐसी किसी संधि के काम करने के लिए परस्पर विश्वास और सहयोग महत्वपूर्ण है. सरकार की ओर से यह बयान उस वक्त आया है, जब भारत में ऐसी मांग उठी है कि पाकिस्तान पर दबाव बनाने के लिए इस जल बंटवारे समझौते को खत्म किया जाये.
सिंधु जल समझौता: जानें ‘समझौता’ तोड़ना भारत के लिए क्यों नहीं हैं आसान
गौरतलब है कि गुरुवार को जब विदेश मंत्रालय प्रवक्ता विकास स्वरूप से सिंधु समझौते पूछा गया, तो उन्होंने कोई सीधा जवाब नहीं देते हुए कहा, "आखिरकार किसी भी समझौते के लिए दोनो पक्षों में सद्भाव और सहयोग की ज़रूरत होती है."