कावेरी जल विवाद को लेकर कर्नाटक सरकार पहुंची सुप्रीम कोर्ट

नयी दिल्ली : कर्नाटक सरकार ने 20 सितंबर के आदेश में बदलाव की मांग करते हुए इस आधार पर आज उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया कि उसके जलाशयों में पर्याप्त जल नहीं है. न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने 20 सितंबर को सुनाये गये आदेश में कर्नाटक को निर्देश दिया था कि वह […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 26, 2016 3:10 PM

नयी दिल्ली : कर्नाटक सरकार ने 20 सितंबर के आदेश में बदलाव की मांग करते हुए इस आधार पर आज उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया कि उसके जलाशयों में पर्याप्त जल नहीं है. न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने 20 सितंबर को सुनाये गये आदेश में कर्नाटक को निर्देश दिया था कि वह 27 सितंबर तक हर दिन तमिलनाडु के लिए कावेरी नदी का 6000 क्यूसेक पानी छोड़े. शीर्ष अदालत ने निगरानी समिति द्वारा निर्धारित जल की मात्रा में तीन हजार क्यूसेक की बढोत्तरी की है.

कर्नाटक ने अपनी ताजा याचिका में उच्चतम न्यायालय के आदेश का पालन करने में विभिन्न आधारों पर असमर्थता जाहिर की. उसने कहा कि उसके पास बेंगलूरु समेत उसके शहरों में आपूर्ति करने के लिए पर्याप्त जल नहीं है. न्यायालय ने 20 सितंबर को केंद्र को भी कावेरी जल विवाद निपटारा न्यायाधिकरण (सीडब्ल्यूडीटी) के निर्देश के अनुरुप चार हफ्तों में कावेरी जल प्रबंधन बोर्ड (सीडब्ल्यूएमबी) का गठन करने को कहा था.

शीर्ष अदालत ने 12 सितंबर को दोनों राज्यों से कानून व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा था. उसने कावेरी जल साझेदारी पर अपने पुराने आदेश में संशोधन किया था और कर्नाटक को तमिलनाडु के लिए 20 सितंबर तक प्रतिदिन 15 हजार क्यूसेक की जगह 12 क्यूसेक पानी छोड़ने का निर्देश दिया था.

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