प्रधानमंत्री ने तेलंगाना मुद्दे पर सदस्यों से पूर्वाग्रह त्यागने की अपील की
नयी दिल्ली : संसद में महत्वपूर्ण विधेयक पारित कराने में विपक्ष से सहयोग देने और तेलंगाना मुद्दे पर सीमांध्र के सदस्यों से पूर्वाग्रह त्यागने की अपील करते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज उम्मीद जतायी कि सभी पक्ष विवेक दिखाएंगे और सदन के सहज काम-काज के लिए साजगार माहौल बनाएंगे. संसद के विस्तारित शीतकालीन सत्र […]
नयी दिल्ली : संसद में महत्वपूर्ण विधेयक पारित कराने में विपक्ष से सहयोग देने और तेलंगाना मुद्दे पर सीमांध्र के सदस्यों से पूर्वाग्रह त्यागने की अपील करते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज उम्मीद जतायी कि सभी पक्ष विवेक दिखाएंगे और सदन के सहज काम-काज के लिए साजगार माहौल बनाएंगे.
संसद के विस्तारित शीतकालीन सत्र के शुरु होने से पहले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सभी पक्षों से अपील की कि वे संसद में महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कराने में सरकार का सहयोग करें. संसद भवन परिसर में प्रधानमंत्री ने संवाददाताओं से कहा कि उन्हें उम्मीद है कि संसद में सुचारु रुप से कामकाज होगा.
तेलंगाना मुद्दे पर संसद के बाधित होने की आशंका पर एक सवाल के जवाब में प्रधानमंत्री ने कहा, कुछ दिक्कतें हैं. उम्मीद है कि सभी पक्ष अपने पूर्वाग्रह अलग रख कर विवेक दिखाएंगे और सदन के सहज काम-काज के लिए साजगार माहौल बनाएंगे. संसद के विस्तारित शीतकालीन सत्र में भ्रष्टाचार निरोधक विधेयक समेत कई अहम विधेयक पारित करने की सरकार की कोशिश के बारे में एक सवाल के जवाब में सिंह ने कहा कि सभी पक्ष ऐसा विवेक दिखाएं कि महत्वपूर्ण विधेयक पारित हो सकें.
प्रधानमंत्री ने उम्मीद जाहिर की कि यह सहयोगात्मक सत्र होगा. गौरतलब है कि मुख्य विपक्षी दल भाजना ने कहा है कि सदन चलाने के लिए सरकार विपक्ष को उपदेश न दे और अपने सदस्यों को संभाले जो पिछले कई सत्र से सदन नहीं चलने दे रहे हैं और यहां तक कि अपनी ही सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला रहे हैं.
तृणमूल कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दलों का कहना है कि सत्र की अवधि कम करके केवल लेखाअनुदान मांगों को पारित कराया जाए और अन्य महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कराने का काम लोकसभा चुनाव के बाद आने वाली नयी सरकार पर छोड़ दिया जाए.
संसद के विस्तारित शीतकालीन सत्र में भ्रष्टाचार निरोधक विधेयक समेत कई अहम विधेयक पारित करने की सरकार की कोशिश के बारे में एक सवाल के जवाब में सिंह ने कहा कि सभी पक्ष इन्हें पारित कराने में सहयोग करें. प्रधानमंत्री ने उम्मीद जाहिर की कि यह सहयोगात्मक सत्र होगा.
उधर मुख्य विपक्षी दल भाजना ने कहा है कि सदन चलाने के लिए सरकार विपक्ष को उपदेश न दे और अपने सदस्यों को संभाले जो पिछले कई सत्र से सदन नहीं चलने दे रहे हैं और यहां तक कि अपनी ही सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला रहे हैं.
तृणमूल कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दलों का कहना है कि सत्र की अवधि कम करके केवल लेखाअनुदान मांगों को पारित कराया जाए और अन्य महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कराने का काम लोकसभा चुनाव के बाद आने वाली नयी सरकार पर छोड़ दिया जाए.