नोट फॉर वोट मामला:केजरीवाल सरकार सात को बरी करने के खिलाफ करेगी अपील

नयी दिल्ली : दिल्ली सरकार ने एक निचली अदालत द्वारा 2008 के नोट के बदले वोट मामले में समाजवादी पार्टी के पूर्व नेता अमर सिंह, भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी के पूर्व सहायक सुधींद्र कुलकर्णी और इसी पार्टी के तीन नेताओं सहित सात लोगों को बरी करने के खिलाफ आज अपील करने का फैसला किया. वरिष्ठ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 5, 2014 7:03 PM

नयी दिल्ली : दिल्ली सरकार ने एक निचली अदालत द्वारा 2008 के नोट के बदले वोट मामले में समाजवादी पार्टी के पूर्व नेता अमर सिंह, भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी के पूर्व सहायक सुधींद्र कुलकर्णी और इसी पार्टी के तीन नेताओं सहित सात लोगों को बरी करने के खिलाफ आज अपील करने का फैसला किया.

वरिष्ठ मंत्री मनीष सिसौदिया ने कहा कि दिल्ली सरकार ने निचली अदालत के आदेश के विवरण का अध्ययन किया है और लगा कि फैसले के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय में अपील की जानी चाहिए. सिसौदिया ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमने निचली अदालत के फैसले के खिलाफ उपराज्यपाल से अपील दाखिल करने की सिफारिश की है. हमारे कानूनी अधिकारियों और विशेष लोक अभियोजक की राय है कि मामले में महत्वपूर्ण साक्ष्य को नजरंदाज किया गया.’’

यह पूछे जाने पर कि आप सरकार निचली अदालत के फैसले के खिलाफ क्यों अपील करना चाहती है, मंत्री ने कहा ‘घोटाला लोकतंत्र पर एक धब्बा है और ऐसा लगता है कि दोषी सजा से बच गए.’ पिछले साल एक निचली अदालत ने सिंह, कुलकर्णी और भाजपा नेता अशोक अर्गल, फग्गन सिंह कुलस्ते, महावीर सिंह भगौरा और पार्टी कार्यकर्ता सोहैल हिंदुस्तानी को क्लीनचिट देते हुए कहा था कि रिकार्ड पर उपलब्ध तथ्य से उनके खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त आधार नहीं मिलता.

केवल एक, अमर सिंह के पूर्व सहायक संजीव सक्सेना पर भ्रष्टाचार रोकथाम कानून की धारा के तहत मुकदमा चलाने की अनुमति दी गयी. उसे आपराधिक साजिश से बरी कर दिया गया. गौरतलब है कि वोट के लिए नोट मामले में भाजपा सांसदों ने 22 जुलाई 2008 को लोकसभा में विश्वासमत के दौरान रुपयों की गड्डियां लहरायी थीं. भारत-अमेरिका परमाणु करार के मुद्दे पर संप्रग एक सरकार से वाम मोर्चा ने अपना समर्थन वापस ले लिया था.

Next Article

Exit mobile version