महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करेगा ‘पैनिक’ बटन
नयी दिल्ली : कोई महिला किसी खतरे को सामने देखकर ‘पैनिक’ बटन से मदद के लिए अपने सहयोगी को या नहीं तो दूसरे समूह को बुला सकती है. इस ‘पैनिक’ बटन और एक एप्लिकेशन से कोई भी खतरा देखकर महिलाएं मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर मदद मांग सकती है. 2012 में दिल्ली में हुए सामूहिक […]
नयी दिल्ली : कोई महिला किसी खतरे को सामने देखकर ‘पैनिक’ बटन से मदद के लिए अपने सहयोगी को या नहीं तो दूसरे समूह को बुला सकती है. इस ‘पैनिक’ बटन और एक एप्लिकेशन से कोई भी खतरा देखकर महिलाएं मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर मदद मांग सकती है.
2012 में दिल्ली में हुए सामूहिक बलात्कार की घटना के बाद इस महत्वाकांक्षी योजना का खाका तैयार किया गया था. यह योजना 321.69 करोड़ रुपये की लागत से अगले नौ महीने में देश भर के 114 शहरों में पूरी कर ली जाएगी. योजना के लिए धनराशि ‘निर्भया कोष’ से दिए जाएंगे. योजना के तहत हर दिन लगातार 24 घंटे एक आपातकाल प्रतिक्रिया (ईआर) इकाई काम करेगी जो ज्योग्राफिकल पोजिशिनिंग सिस्टम (जीपीएस) या ज्योग्राफिकल इंफोरमेशन सिस्टम (जीआईएस) की मदद से खतरे का सामना कर रहे व्यक्ति की जगह का पता लगा लगाएगी.
एक आधिकारिक बयान में आज कहा गया, ‘‘सूचना प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा विकसित उपकरण के माध्यम से मोबाइल फोन या लैंडलाइन में पैनिक बटन और स्मार्ट फोन में मोबाइल फोन एप्लिकेशन से बजाए गए आपातकालीन अलार्म का पता लगाया जाएगा और ईआर इकाईयां काम में लग जाएंगी. ’’ इसे बाद में एक अकेले केंद्रीय आपातकाल प्रतिक्रिया नंबर में बदला जा सकता है. अमेरिका, यूरोप और रुस समेत कई देशों में नागरिकों की मदद के लिए आपातकाल प्रतिक्रिया नंबर उपलब्ध कराया गया है. स्मार्ट फोन उपयोगकर्ता मोबाइल एप्लिकेशन डाउनलोड कर सकते हैं जबकि बेसिक फोन उपयोगकर्ताओं के लिए नए बेसिक फोन मॉडलों में ‘पैनिक’ बटन की व्यवस्था होगी.