नयी दिल्ली: ईपीएफओ ने न्यूनतम 1,000 रुपये मासिक पेंशन उपलब्ध कराने के प्रस्ताव को आज मंजूरी दे दी. इस निर्णय से उसके करीब 28 लाख पेंशनभोगी तत्काल लाभान्वित होंगे.कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के केंद्रीय न्यासी बोर्ड ने ईपीएफ स्कीम 1952 में संशोधन कर मासिक वेतन सीमा मौजूदा 6,500 रुपये से बढ़ाकर 15,000 रुपये करने का भी निर्णय किया ताकि अधिक संख्या में कर्मचारियों को विभिन्न सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों के दायरे में लाया जा सके.
बोर्ड की बैठक की अध्यक्षता करने वाले श्रम मंत्री आस्कर फर्नांडीज ने यहां पत्रकारों को बताया, ‘‘ बोर्ड ने स्कीमों में प्रस्तावित संशोधनों को मंजूर करने का निर्णय किया है ताकि ईपीएस.95 के तहत 1,000 रुपये न्यूनतम मासिक पेंशन सुनिश्चित हो सके और वेतन सीमा बढ़ाकर 15,000 रुपये प्रति माह की जा सके.’’ ईपीएफओ के एक अधिकारी के मुताबिक, श्रम मंत्रालय 1,000 रुपये मासिक पेंशन के लिए मंजूरी के वास्ते जल्द ही केंद्रीय मंत्रिमंडल के समक्ष प्रस्ताव रखेगा क्योंकि सरकार को इस उद्देश्य के लिए कोष के प्रावधान करने पड़ेंगे.
मंत्री ने कहा, ‘‘ हमने नियोक्ताओं द्वारा दिए जाने वाले प्रशासनिक शुल्क भी घटा दिए हैं. वेतन सीमा बढ़ने के सथ उनका बोझ बढ़ेगा.’’ बोर्ड ने प्रशासनिक शुल्क मूल वेतन के 1.10 प्रतिशत से घटाकर 0.85 प्रतिशत करने का भी निर्णय किया है.इसके अलावा, न्यासी बोर्ड ने पेंशनयोग्य वेतन की गणना की पद्धति प्रस्तावित बदलाव को भी मंजूरी दे दी है.
इस तरह से, पेंशनयोग्य वेतन की गणना पिछले 60 महीने के औसत वेतन के आधार पर की जाएगी, जबकि मौजूदा समय में यह गणना 12 महीने के औसत वेतन के आधार पर की जाती है जैसा कि ईपीएस.95 में प्रावधान है.