अमृतसर/चंडीगढ : पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में सेना के लक्षित हमले के बाद पंजाब में सभी महत्वपूर्ण स्थानों पर सुरक्षा चाकचौबंद कर दी गयी है और राज्य के सभी वायुसेना केंद्रों पर हाई अलर्ट जारी किया गया है. अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास के गांवों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम जारी है. अधिकारियों ने बताया कि चंडीगढ, अंबाला, बठिंडा, आदमपुर और लुधियाना के पास हलवाड़ा समेत क्षेत्र के सभी वायुसेना अड्डों पर हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है. लक्षित हमलों के बाद अंतरराष्ट्रीय सरहद पर सीमा सुरक्षा (बीएसएफ) को कल और अधिक चौकन्ना कर दिया गया था. भाखड़ा बांध पर भी सुरक्षा कड़ी कर दी गयी है.
इस संबंध में बीबीएमबी के अध्यक्ष ए के शर्मा ने कहा कि सभी बांधों पर सुरक्षा इंतजामों की समीक्षा की जा रही है और पाकिस्तान के साथ मौजूदा तनाव के चलते खतरे की आशंका को ध्यान में रखा जा रहा है. पंजाब में तेल रिफाइनरी और महत्वपूर्ण बिजली संयंत्रों समेत अन्य महत्वपूर्ण केंद्रों में और उनके आसपास भी सुरक्षा कड़ी कर दी गयी है. पंजाब की 553 किलोमीटर सीमा पाकिस्तान से लगती है. राज्य के छह जिले अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे हैं.
इस बीच अधिकारियों के आदेश पर अंतरराष्ट्रीय सीमा के 10 किलोमीटर के दायरे में करीब 1000 गांवों में रहने वाले लोगों को निकालकर सुरक्षित जगह पहुंचाने का काम जारी है. इस काम में स्थानीय गुरुद्वारों और मंदिरों के प्रमुखों की मदद ली जा रही है. सीमावर्ती जिलों में प्रशासन ने लोगों के लिए तंबुओं का इंतजाम किया है. सरकारी अस्पतालों में बिस्तर खाली रखे गये हैं और स्कूलों तथा बरातघरों में अस्थाई शिविर तैयार किये गये हैं.
अमृतसर के उपायुक्त वरण रजाम ने कहा कि गांवों से निकाले जा रहे लोगों की जरुरतों का ध्यान रखते हुए सभी जरुरी व्यवस्थाएं की गयी हैं. गुरदासपुर और फिरोजपुर जिलों में पड़ने वाले गांवों में प्रशासन ने सीमावर्ती गांवों के निवासियों के लिए कई पुनर्वास शिविर बनाये हैं. अधिकारियों ने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में स्कूलों को अगले आदेश तक बंद कर दिया गया है और पुलिस तथा चिकित्साकर्मियों की छुट्टियां निरस्त कर दी गयी हैं. सिखों की शीर्ष धार्मिक संस्था एसजीपीसी ने लोगों की हरसंभव मदद का ऐलान किया है.
पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने कल अपनी कैबिनेट की आपात बैठक बुलाई थी और मुख्य सचिव सर्वेश कौशल को छह सीमावर्ती जिलों के उपायुक्तों को प्रारंभिक खर्च के लिए तत्काल एक-एक करोड़ रुपये जारी करने का निर्देश दिया था.