जानिये, क्यों रो पड़ी मणिपुर की आयरल लेडी, भारत- पाक तनाव पर भी तोड़ी चुप्पी

नयी दिल्ली : भारत और पाकिस्तान के बीच बढे तनाव की पृष्ठभूमि में मानवाधिकार कार्यकर्ता इरोम शर्मिला ने आज कहा कि सीमा के दोनों तरफ से ‘‘युद्धोन्माद फैलाने की कोई जरुरत नहीं” है. शर्मिला ने जोर देकर कहा कि आक्रमण से नहीं बल्कि बातचीत से ही हमेशा के लिए शांति हासिल की जा सकती है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 1, 2016 7:29 PM

नयी दिल्ली : भारत और पाकिस्तान के बीच बढे तनाव की पृष्ठभूमि में मानवाधिकार कार्यकर्ता इरोम शर्मिला ने आज कहा कि सीमा के दोनों तरफ से ‘‘युद्धोन्माद फैलाने की कोई जरुरत नहीं” है. शर्मिला ने जोर देकर कहा कि आक्रमण से नहीं बल्कि बातचीत से ही हमेशा के लिए शांति हासिल की जा सकती है.

शर्मिला ने यहां कहा, ‘‘दोनों तरफ हिंदू और मुस्लिम परिवार रह रहे हैं, और मुझे समझ नहीं आता कि दुश्मनी या झगडा क्यों होना चाहिए. भारत और पाकिस्तान दोनों में से किसी भी तरफ से युद्धोन्माद नहीं फैलाया जाना चाहिए.” उन्होंने कहा, ‘‘कोई आक्रमकता या यह दिखाने की कोशिश नहीं होनी चाहिए कि कौन ज्यादा शक्तिशाली या समझदार है. हम बातचीत के जरिए शांति के लिए काम करना चाहिए…..यदि मैं प्रधानमंत्री होती तो मैं सिर्फ यह कहती कि लोगों को शांत हो जाना चाहिए.”
मणिपुर की ‘आयरन लेडी’ ने सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून (अफ्सपा) को हटाने की अपनी मांग दोहराई और इसे ‘‘दमनकारी” करार देते हुए कहा कि यह भारत जैसे ‘‘लोकतंत्र के विचार के खिलाफ” है.44 साल की शर्मिला मणिपुर के मलोन में वर्ष 2000 में हुई फायरिंग की घटना को याद करके संवाददाता सम्मेलन के बीच में ही रोने लगी. इस घटना में 10 लोगों को ‘‘गोलियों से भून डाला गया था.” शर्मिला ने इसी वजह से करीब 16 साल तक आमरण अनशन किया था. उन्होंने ‘‘लोगों की संवेदनाओं का ध्यान रखते हुए संविधान में नियमित तौर पर संशोधन” का सुझाव भी दिया.

Next Article

Exit mobile version