जयशंकर प्रसाद की नई रचनाओं का पता चला

नयी दिल्ली : महाकवि जयशंकर प्रसाद को गुजरे भले ही 77 साल हो गए हैं, पर आज भी उनकी उनके एक और नाटक और करीब चालीस कविताओं का पता चला है. प्रकाशन संस्थान द्वारा सात खण्डों में प्रकाशित जयशंकर प्रसाद की रचनावली में पहली बार ये रचनायें शामिल की गयी हैं. इस रचनावली का लोकार्पण […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 7, 2014 11:40 AM

नयी दिल्ली : महाकवि जयशंकर प्रसाद को गुजरे भले ही 77 साल हो गए हैं, पर आज भी उनकी उनके एक और नाटक और करीब चालीस कविताओं का पता चला है.

प्रकाशन संस्थान द्वारा सात खण्डों में प्रकाशित जयशंकर प्रसाद की रचनावली में पहली बार ये रचनायें शामिल की गयी हैं. इस रचनावली का लोकार्पण प्रख्यात आलोचक नामवर सिंह और सुप्रसिद्ध कवि अशोक वाजपेयी, केदार नाथ सिंह और जनसत्ता के संपादक ओम थाणवी द्वारा इंडिया हेवीटेट सेंटर में किया गया.

समारोह में भारतेन्दु के समकालीन लेखक प्रेमधन की रचनावली काभी लोकार्पण किया गया. जयशंकर प्रसाद रचनावली के सम्पादक और जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में हिन्दी के प्रोफेसर डॉ. ओम प्रकाश सिंह ने बताया कि जयशंकर प्रसाद ने 1911 में यानी आज से करीब 103 साल पहले वफ्रु वाहन नामक एक नाटक लिखा था, जिसके बारे में आज तक हिन्दी साहित्य को नहीं पता था.

चार अध्याय वाला यह नाटक महाभारत के पात्र वफ्रु वाहन को आधार बना कर लिखा गया था जो अर्जुन और चित्रांगदा का पुत्र था. यह नाटक चम्पू शैली में लिखा गया था, जिसमें गद्य और पद्य दोनों का मिश्रण समाहित है. सिंह ने बताया कि जयशंकर प्रसाद की चालीस और कविताओं का पता चला है जो अब तक उनके किसी भी कविता संग्रह में शामिल नहीं है. ये कविताएं 1909 से लेकर 1927 तक इंदु, हंस और मर्यादा जैसी पत्रिकाओं में छपी थी.

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