वायुसेना दिवस : दुनिया ने देखी इंडियन एयरफोर्स की ताकत, राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री ने दी बधाई
नयी दिल्ली : आज वायुसेना का 84वां स्थापना दिवस है. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय वायुसेना को उसके स्थापना दिवस पर बधाई दी है. इस मौके पर गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पर वायुसेना की शक्ति की झलक देखी जा सकती है. वायुसेना परेड के साथ-साथ लड़ाकू विमान, ट्रांसपोर्ट विमान और हेलीकॉप्टर […]
नयी दिल्ली : आज वायुसेना का 84वां स्थापना दिवस है. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय वायुसेना को उसके स्थापना दिवस पर बधाई दी है. इस मौके पर गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पर वायुसेना की शक्ति की झलक देखी जा सकती है. वायुसेना परेड के साथ-साथ लड़ाकू विमान, ट्रांसपोर्ट विमान और हेलीकॉप्टर फ्लाइ पास्ट में हिस्सा ले रहे हैं. तेजस, सुखोई सहित कई विमान आसमानी करतब दिखाने के लिए तैयार हैं. पीएम मोदी ने वायुसैनिकों और उनके परिवारों को सैल्यूट किया और देश की सुरक्षा के लिए शुक्रिया अदा किया. उन्होंने कहा- आपके साहस ने देश का सर ऊंचा किया है. राष्ट्रपति मुखर्जी ने भी ट्वीट कर इंडियन एयरफोर्स द्वारा देश के आकाश को सुरक्षा प्रदान कर के लिए, मानवीय सेवा और आपदा के समय राहत कार्यों के लिए भूरि भूरि प्रशंसा की.
Saluting all air warriors & their families on Air Force Day. Thank you for protecting our skies. Your courage makes India proud. pic.twitter.com/bCusPOV1nf
— Narendra Modi (@narendramodi) October 8, 2016
Greetings & felicitations to all personnel of Indian Air Force on the 84th Anniversary of Indian Air Force #PresidentMukherjee
— President Mukherjee (@POI13) October 8, 2016
The nation is proud of the capability and competency of the IAF #PresidentMukherjee
— President Mukherjee (@POI13) October 8, 2016
देसी सारंग हेलीकॉप्टर के साथ अपने पूरे हवाई करतब आसमान में दिखा पाएंगे. ब्रिटिश रॉयल एयरफोर्स की रेड ऐरो एरोबेटिक टीम आसमान में अपना जलवा दिखाएगी. परेड और फ्लाई पास्ट सुबह आठ बजे से शुरू हुआ, यह साढ़े दस बजे तक चलेगा. माना जा रहा है कि इस साल के अंत तक ब्रह्मोस मिसाइल वायुसेना में शामिल हो जायेगी. सुखोई फायटर प्लेन में ब्रह्मोस मिसाइल लगने से वायुसेना की ताकत कई गुना बढ़ जायेगी. माना जाता है कि दुनिया में अभी तक किसी भी देश के पास इस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का कोई तोड़ नहीं है. पाकिस्तान तो क्या चीन भी इस मिसाइल से डरता है. अगर ये मिसाइल सुखोई में फिट हो जाती है तो वायुसेना का सीना गर्व से फूल जायेगा. यही वजह है कि कुछ दिन पहले वायुसेना प्रमुख ने दावा किया था कि अब इंडियन एयरफोर्स चीन और पाकिस्तान से एक साथ मुकाबला करने के लिए तैयार है.
Ghaziabad (UP): Para jumps being carried out at Hindon Air base on Air Force Day. pic.twitter.com/kNN5fudiQ2
— ANI (@ANI) October 8, 2016
कई बार सवाल उठे कि जंगों में एयरफोर्स का उस ताकत के साथ इस्तेमाल नहीं किया गया जितनी उसके पास है, लेकिन ये भी नहीं भूलना चाहिए कि भारतीय वायुसेना ने ही 1965, 1971 और 1999 की करगिल जंग की जीत में बड़ी भूमिका निभाई. ये एयरफोर्स की ही ताकत थी कि बांग्लादेश की जंग में 90 हजार जवानों के साथ सरेंडर करने वाले पाकिस्तानी लेफ्टिनेंट जनरल ए के नियाजी ने कहा था कि इसकी वजह सिर्फ और सिर्फ भारतीय वायुसेना है. देश को जब-जब दुश्मनों पर आसमान से बिजली गिराने की जरूरत पड़ी है. तब-तब भारतीय वायुसेना के विमान दुश्मनों पर आफत बन कर टूटे हैं. हर बार उन्होंने दुश्मनों को तबाह किया है. हर जंग को जीतने में अहम भूमिका निभायी है.
Air Force Day being celebrated at Hindon Air base in Ghaziabad. Air Force Chief Arup Raha inspects guard of honour pic.twitter.com/UiH1eBiGXS
— ANI (@ANI) October 8, 2016