सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पाक को कठोर संदेश की तैयारी

नयी दिल्ली : एलओसी पर सर्जिकल स्ट्राइक के दस दिन पूरे होने के साथ ही भारत ने पाकिस्तान को सख्त संदेश दिया है कि उसकी ओर से इसको लेकरकियेगये किसी भीगुप्त ऑपरेशन के लिए उसे बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी. उड़ी हमले के बाद अलग-थलग पड़े पाकिस्तानकीओर सेइसतरक के किसी भी हमले को दोहराने पर भारत […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 9, 2016 8:55 AM

नयी दिल्ली : एलओसी पर सर्जिकल स्ट्राइक के दस दिन पूरे होने के साथ ही भारत ने पाकिस्तान को सख्त संदेश दिया है कि उसकी ओर से इसको लेकरकियेगये किसी भीगुप्त ऑपरेशन के लिए उसे बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी. उड़ी हमले के बाद अलग-थलग पड़े पाकिस्तानकीओर सेइसतरक के किसी भी हमले को दोहराने पर भारत ने सख्ती से निपटनेकीतैयारी कर ली है.

अंग्रेजी दैनिक इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के मुताबिक एक वरिष्ठभारतीयअधिकारी के अनुसार सर्जिकल स्ट्राइक अब एक स्वीकार्य नॉर्म्स के तौर पर दिखाई देगा. पाकिस्तान के लिए अब तक आतंकी हमला या गुप्त ऑपरेशन एक कम जोखिम, कम लागत के तौरपर विकल्पकेरूप में लिया जातारहा था.यहअबबदल जायेगा.पाकिस्तान को अब जवाब मिलेगा और उसे ऐसे हमलों के लिए भारी कीमत चुकानी पड़ेगी. सर्जिकल स्ट्राइक के साथ ही भारत ने एक मिशाल कायम किया है. अधिकारी के मुताबिक भारत सरकार अब परिणामों के प्रबंधन परध्यान केंद्रितकर इसे महत्वदेने की रणनीति पर काम कर रही है.

अधिकारी के मुताबिक पाकिस्तान की ओर से किये जाने वाले किसी भी संभावित हमले को लेकर भारत विभिन्न विकल्पों परकाम कर रही है. उन्होंने कहा कि परिणामों के प्रबंधन को लेकर प्रोफेशनल एप्रोच पर जोर दिया जा रहा है. अधिकारी की मानें तो शार्क सम्मेलन को बेपटरी पर लाने के लिए भारत पर्याप्त था. अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने सर्वसम्मति से सीमा पार से आतंकवाद की निंदा की है. किसी भी देश ने भारतकेसर्जिकल स्ट्राइक को गलत नहीं ठहराया है. चीन व रुस ने भी भारत के सर्जिकल स्ट्राइक को सही ठहराते हुए पाकिस्तान की कठोर शब्दों में निंदा की है.

भारतीय अधिकारी ने कहा कि मुंबई हमले के बाद से ही भारत चौकन्ना हो गया था. उन्होंने कहा कि भारत ने पहली बार सर्जिकल स्ट्राइक किया है. पाकिस्तान भले ही इसे विश्व के सामने स्वीकार नहीं कर रहा है.लेकिनसर्जिकल स्ट्राइक के बाद पाकिस्तानमें कैबिनेट मीटिंग, अपने राजदूत को अन्य देशों में बातचीत के लिए भेजना और पाक सेना प्रमुखों की बैठकें यह साबित करती है कि वहां कुछ तो हुआ था.

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