जनलोकपाल बिल मामले पर केजरीवाल ने भेजी उपराज्यपाल को चिट्ठी
नयी दिल्ली: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जनलोकपाल बिल को असंवैधानिक कहने के मामले को लेकर उपराज्यपाल नजीब जंग को चिट्ठी लिखी है. केजरीवाल ने लिखा है कि जब जन लोकपाल बिल भेजा ही नहीं गया, तो किस बिल पर आपने राय मांगी है.केजरीवाल ने लिखा है, जब बिल का मसौदा आपके पास नहीं है, तो […]
नयी दिल्ली: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जनलोकपाल बिल को असंवैधानिक कहने के मामले को लेकर उपराज्यपाल नजीब जंग को चिट्ठी लिखी है. केजरीवाल ने लिखा है कि जब जन लोकपाल बिल भेजा ही नहीं गया, तो किस बिल पर आपने राय मांगी है.केजरीवाल ने लिखा है, जब बिल का मसौदा आपके पास नहीं है, तो किस बिल पर आपने सॉलिसिटर जनरल से राय मांगी. उन्होंने लिखा है कि आपने संविधान रक्षा की शपथ ली है, हमें उम्मीद है कि आप संविधान की रक्षा करेंगे. उन्होंने यह भी लिखा है कि उपराज्यपाल किसी पार्टी विशेष के नहीं है.
‘आप’ नेता एवं वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि कुछ नियम होंगे, जिसके तहत सरकार के लिए विधेयक को पूर्व मंजूरी प्राप्त करना जरूरी होगी, लेकिन केवल इसलिए कि अनुमति नहीं ली गई, इसके आधार पर यह अवैध नहीं होता, क्योंकि विधेयक को राष्ट्रपति की मंजूरी प्राप्त करनी होती है.वहीं,आम आदमी पार्टी के नेता आशुतोष ने दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग पर निशाना साधते हुए उन्हें कांग्रेस का एजेंट करार दिया है. साथ ही उन्होंने कहा कि इस मामले में कांग्रेस राजनीति कर रही है.
गौरतलब है कि गुरुवार को सॉलिसिटर जनरल ने दिल्ली के उपराज्यपाल द्वारा मांगी राय पर साफ कहा है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय की मंजूरी के बिना लोकायुक्त बिल गैर-कानूनी होगा, क्योंकि इस बिल में केंद्र की संचित निधि से खर्च होता है. सॉलिसिटर जनरल का कहना है कि पहले से ही लोकपाल और लोकायुक्त कानून बना हुआ है, इसलिए दिल्ली सरकार को अपने जनलोकपाल बिल को उपराज्यपाल की मंजूरी के लिए उनके पास भेजना होगा.
यही नहीं बिल को पास होने के बाद भी उपराज्यपाल और फिर राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा जाना होगा, लेकिन दिल्ली सरकार की राय इससे अलग है. दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसौदिया ने कहा है, जनता ने हमें चुना है और उससे ऊपर कोई नहीं है. वहीं यह फैसला करेगी कि कैसा लोकायुक्त बिल हो.
वहीं दिल्ली कांग्रेस के नेता हारून यूसुफ ने कहा है कि अगर जनलोकपाल बिल की प्रक्रिया सही रहती है तो हम जरूर समर्थन करेंगे, लेकिन लोकसभा चुनाव को देखते हुए ये असंवैधानिक रूप से बिल लाना चाहते हैं.