लैंगिक भेदभाव के खिलाफ सामूहिक रूप से काम करने की जरुरत : मोदी

नयी दिल्ली : लड़कियों के हर क्षेत्र में अपनी छाप छोडने का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि लैंगिक भेदभाव के खिलाफ और लड़कियों को आगे बढ़ने के लिए हर तरह के अवसर मुहैया करने में मदद के लिए सामूहिक रूप से काम करने की जरुरत है. अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 11, 2016 8:47 PM

नयी दिल्ली : लड़कियों के हर क्षेत्र में अपनी छाप छोडने का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि लैंगिक भेदभाव के खिलाफ और लड़कियों को आगे बढ़ने के लिए हर तरह के अवसर मुहैया करने में मदद के लिए सामूहिक रूप से काम करने की जरुरत है. अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर मोदी ने अपने संदेश में कहा, ‘लड़कियों ने हर क्षेत्र में अपनी छाप छोड़ी है, चाहे वो अध्ययन का क्षेत्र हो या फिर खेल का. अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर उनकी उपलब्धियों को सलाम.’ उन्होंने कहा, ‘हमें एक ऐसे भारत की दिशा में सामूहिक रूप से काम करना चाहिए जहां लिंग आधारित कोई भेदभाव नहीं हो और जहां लड़कियों को चमकने के सभी अवसर मिल सकें.’ अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस 11 अक्तूबर को मनाया जाता है.

मोदी ने खचाखच भरे रामलीला मैदान में बैठी जनता से कहा कि एक तरफ हम आज विजय का पर्व मना रहे हैं तो उसी समय पूरा विश्व आज ‘गर्ल चाइल्ड डे’ भी मना रहा है. ‘आज मैं जरा अपने आपसे और देशवासियों से पूछना चाहता हूं कि एक सीता माता के उपर अत्याचार करने वाले रावण को तो हमने हर वर्ष जलाने का संकल्प किया है क्योंकि उसने सीता का अपहरण किया था लेकिन क्या कभी हमने सोचा है कि जब पूरा विश्व आज गर्ल चाइल्ड डे मना रहा है, तब हम बेटे और बेटी में फर्क करके मां के गर्भ में कितनी सीताओं को मौत के घाट उतार देते हैं.’

उन्होंने कहा, ‘हमारे भीतर के इस रावण को कौन खत्म करेगा. आज भी 21वीं सदी में क्या मां के गर्भ में बेटियों को मारा जाएगा. एक सीता के लिए जटायू बलि चढ़ सकता है तो हमारे घर में पैदा होने वाली सीता को बचाना हम सबका दायित्व होना चाहिए.’ प्रधानमंत्री ने कहा कि घर में बेटा पैदा होने पर जितना स्वागत और सम्मान होता है, बेटी पैदा होने पर उससे भी ज्यादा सम्मान और आदर होना चाहिए. इसे हमें अपना स्वभाव बनाना होगा.

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