सर्जिकल स्‍ट्राइक पर सियासत, श्रेय को लेकर भाजपा-कांग्रेस के बीच संग्राम

मुंबई : रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने पिछले महीने नियंत्रण रेखा के पार सेना द्वारा किए गए लक्षित हमलों के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को ‘बड़ा श्रेय’ देने की बात कहते हुए आज कांग्रेस के इन दावों को खारिज कर दिया कि संप्रग सरकार के शासनकाल में भी इसी तरह की कार्रवाई हुई थी. इसपर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 12, 2016 8:08 PM

मुंबई : रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने पिछले महीने नियंत्रण रेखा के पार सेना द्वारा किए गए लक्षित हमलों के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को ‘बड़ा श्रेय’ देने की बात कहते हुए आज कांग्रेस के इन दावों को खारिज कर दिया कि संप्रग सरकार के शासनकाल में भी इसी तरह की कार्रवाई हुई थी. इसपर कांग्रेस ने पर्रिकर पर तीखे हमले किए.

हमले के बाद कांग्रेस ने पर्रिकर पर मुद्दे का ‘खुल्लम-खुल्ला राजनीतिकरण’ करने का आरोप लगाया और उनसे माफी की मांग की. मुंबई में दो अलग-अलग कार्यक्रमों को संबोधित करते हुए पर्रिकर ने कहा कि ‘कार्रवाई पर संदेह’ कर रहे लोगों समेत भारत के 127 करोड़ लोग और सेना इस अभियान के श्रेय की हकदार है क्योंकि यह सशस्त्र बलों ने किया, न कि किसी राजनैतिक दल ने.

साथ ही उन्होंने कहा कि फैसला करने और योजना बनाने के लिए इसका बड़ा श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सरकार को जाता है. उन्होंने यह भी साफ कर दिया कि इस तरह के हमले पहले भी होने के संबंध में किए गए दावे गलत हैं क्योंकि इस तरह की कार्रवाई स्थानीय स्तर पर सीमा कार्रवाई दल ने सरकार की जानकारी के बिना की.

उन्होंने यहां एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘मुझे लक्षित हमलों समेत श्रेय को हर देशवासी के साथ साझा करने में कोई दिक्कत नहीं है क्योंकि इसे हमारे सशस्त्र बलों ने किया और किसी राजनैतिक दल ने नहीं किया. इसलिए कार्रवाई पर संदेह करने वालों समेत सभी भारतीय श्रेय साझा कर सकते हैं.” उन्होंने कहा कि इससे कई लोगों के कलेजे में ठंडक पड़ेगी.

पर्रिकर के बयान की कांग्रेस ने कडी आलोचना की. पार्टी ने इसे ‘गुमराह’ करने वाला बताया और कहा कि इस तरह के हमले पूर्व में भी हुए थे, इसे खारिज करके रक्षा मंत्री ने सेना द्वारा दिए गए बलिदान का महत्व कम किया है.

कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘‘श्रीमान पर्रिकर. भारतीय सेना सारे श्रेय की हकदार है लेकिन पूर्व के लक्षित हमलों का खंडन करके जनता को क्यों गुमराह कर रहे हैं और सेना की कुर्बानी का महत्व क्यों कम कर रहे हैं.” उन्होंने कहा, ‘‘साल 2011 का ऑपरेशन जिंजर बडे पैमाने का लक्षित हमला था. क्यों सेना के शौर्य पर मनोहर पर्रिकर मौन हैं. यह यह खुल्लम-खुल्ला राजनीतिकरण नहीं है.” उन्होंने रक्षा मंत्री से इस मुद्दे पर माफी मांगने को कहा.

उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री की छवि को चमकाने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा को इवेंट मैनेजमेंट कवायद में तब्दील करना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है.” उधर, आम आदमी पार्टी ने भी पर्रिकर पर भारतीय सेना के शौर्य को ‘कमतर’ करने का आज आरोप लगाया. पार्टी ने कहा कि लक्षित हमले पर उसका बयान दर्शाता है कि वह निम्न स्तर की राजनीति में शामिल है.

पार्टी ने यह भी दावा किया कि भाजपा उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले इस मुद्दे को भुनाने का प्रयास कर रही है. आप की दिल्ली इकाई के संयोजक दिलीप पांडेय ने कहा, ‘‘निम्न स्तर की राजनीति का इससे बेहतर कोई उदाहरण नहीं है. इस तरह का बयान जारी करके पर्रिकर भारतीय सेना की उपलब्धियों को कमतर कर रहे हैं. भारतीय सेना का शौर्य और बलिदान का गौरवमयी इतिहास रहा है.”

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