फ्यूचर कैरियर जो साल बाद बनेंगे हकीकत

तकनीकी कैरियर को लेकर भारतीय किशोरों में विशेष क्रेज होता है. स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद छात्र इंजीनियरिंग, मेडिकल ही नहीं, बल्कि साइंस की अन्य विधाओं में फ्यूचरप्रूफ कैरियर को तलाशते हैं. लेकिन, चुने गये क्षेत्र में भविष्य की संभावनाओं को लेकर आशंका मन में बैठी रहती है. यहां जानते हैं 10 ऐसे कैरियर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 14, 2016 7:21 AM
तकनीकी कैरियर को लेकर भारतीय किशोरों में विशेष क्रेज होता है. स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद छात्र इंजीनियरिंग, मेडिकल ही नहीं, बल्कि साइंस की अन्य विधाओं में फ्यूचरप्रूफ कैरियर को तलाशते हैं. लेकिन, चुने गये क्षेत्र में भविष्य की संभावनाओं को लेकर आशंका मन में बैठी रहती है. यहां जानते हैं 10 ऐसे कैरियर के बारे में, जो आज भले ही वास्तविकता से परे हैं, लेकिन भविष्य में आपके कैरियर को बेहतर पड़ाव पर ले जाने में सक्षम होंगे…
अगले दस वर्षों में तकनीकी क्रांति के कारण विज्ञान व प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में कैरियर के दस ऐसे नये विकल्प उपलब्ध हो सकते हैं, जिनका वर्तमान में कोई अस्तित्व नहीं है. माइक्रोसॉफ्ट सर्फेस एवं द फ्यूचर लेबोरेटरी (कंसल्टेंसी फॉर ट्रेंड फॉरकास्टिंग, ब्रैंड स्ट्रैटजी और कंज्यूमर इनसाइट) द्वारा जारी रिपोर्ट में इस बात की संभावना व्यक्त की गयी है. इस रिसर्च में शामिल टेक्नोलॉजिस्ट, एकेडमिशियन और इंडस्ट्री एनालिस्ट्स के मुताबिक, जो लोग इन दस वर्षों में गेजुएट होंगे, उनके लिए वर्चुअल हैबिटेट डिजाइनर, एथिकल टेक्नोलॉजी एडवोकेट, डिजिटल कल्चरल कमेंटेटर सहित दस नये विकल्प उपलब्ध होंगे, जिनमें वे अपना कैरियर बना सकते हैं. इन विकल्पों में से आधे 2025 तक और आधे 2025 के बाद हकीकत
बन सकते हैं. लेकिन, यह भी सच है कि इनमें से किसी भी क्षेत्र में कैरियर बनाने के लिए इन ग्रेजुएट्स को कई सा0रे स्किल्स डेवलप करने होंगे. इस रिपोर्ट के बारे में माइक्रोसॉफ्ट के रयान एसडोउरियन का कहना है कि भले ही ये नौकरियां विज्ञान के दायरे में होंगी, लेकिन वास्तविकता में ये उस बदलाव का संकेत हैं, जिससे हम आजकल
रू-ब-रू हो रहे हैं. एक नजर उन दस संभावित कैरियर विकल्पों पर.
एथिकल टेक्नोलॉजी एडवोकेट
बतौर एथिकल टेक्नोलॉजी एडवोकेट, एक पेशेवर को मनुष्य व रोबोट के बीच मध्यस्थ का काम करना होगा. इसके लिए उसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मोरल व एथिकल रूल्स को एक मशीन यानी रोबोट के अंदर सेट करना होगा, ताकि वह अस्तित्व में आ सके और जैसा निर्देश दिया जाये वैसा काम कर सके. एक एडवोकेट बनने के लिए एक पेशेवर के पास कम्युनिकेशन स्किल होने के साथ ही फिलॉस्फी और एथिक्स की समझ भी होनी चाहिए.
वर्चुअल रियलिटी हैबिटेट डिजाइनर
एक वर्चुअल रियलिटी (वीआर) डिजाइनर काे कंप्यूटर के माध्यम से ऐसा एन्वॉयर्नमेंट डिजाइन करना होगा, जिसे देख कर वास्तविक माहौल का अनुभव हो सके. इस तरह के एन्वॉयर्नमेंट को वर्चुअल रियलिटी एन्वाॅयर्नमेंट कहा जाता है. जैसे वर्चुअल मीटिंग के लिए सुटेबल एन्वॉयर्नमेंट डिजाइन करना या वास्तविक-सा दिखनेवाला आभासी यानी वर्चुअल ऑफिस कॉम्पलेक्स तैयार करना, जहां अलग-अलग जगह के लोग मिल सकें और एक साथ काम कर सकें.
एक कलाकार के लिए वीआर गैलरी का निर्माण करना, जहां कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन कर सके या साइबरस्पेस में किसी विश्व विरासत स्थल काे डिजाइन करना, ताकि लोग उसके बारे में जान सकें. इस तरह के एन्वॉयर्नमेंट को डिजाइन करने के लिए एक डिजाइनर के पास स्टोरीटेलिंग स्किल और एडिटिंग स्किल के साथ एक टाउन प्लानर या आर्किटेक्ट की तरह डिजाइनिंग स्किल की भी जरूरत होगी, तभी उसके द्वारा क्रिएट किये गये वर्चुअल वर्ल्ड से लोग कनेक्ट हो पायेंगे.
डिजिटल कल्चरल कमेंटेटर
डिजिटल कल्चरल कमेंटेटर के तौर पर काम करते हुए एक पेशेवर को किसी आलेख, वृतांत या कहानी को एक बेहद शक्तिशाली इमेज में बदलना होगा. मान लीजिए कि आपको किसी देश, किसी थियेटर या किसी घटना के बारे में लोगों को बताना है, तो आपको उसके लिए इस तरह का सिंगल इमेज डिजाइन करना होगा, ताकि सामनेवाला उसे देखते ही समझ जाये कि आप क्या कहना चाहते हैं. असल में एक डिजिटल कल्चरल कमेंटेटर का काम आर्ट और डिजिटली सैवी पब्लिक के बीच की दूरी को कम करना होगा. इसके लिए आर्ट हिस्ट्री, बिजनेस स्टडीज, पीआर और मार्केटिंग स्किल्स की जरूरत होगी.

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