नयीदिल्ली :सूचनाएवं प्रसारणमंत्रीएमवेंकैया नायडू नेकलतीनतलाकपर मुसलिमपर्सनल लॉ बोर्ड द्वारा की गयी प्रेस कान्फ्रेंसपरतीखी प्रतिक्रियादीहै. उन्होंने कहा है कि लैंगिक भेदभाव खत्म करना आवश्यक है. वेंकैयानायडूनेयहांएकप्रेस कान्फ्रेंसकर कहा कितीनतलाककामामला अलग हैऔर कॉमन सिविल कोडका मामला अलग है. वेंकैयाने कहाकिमुसलिम लॉ बोर्ड द्वारा तीन तलाक मामले पर प्रधानमंत्री पर तानाशाही का आरोप लगाना गलत है और उनके द्वारा अपनी बातों को लैंगिक विभेद के लिए थोपना ही तानाशाही है.
उल्लेखनीय है कि मुस्लिम प्रसनल लॉ बोर्ड ने कल प्रेस कान्फ्रेंस कर तीन तलाक पर सरकार के स्टैंड का विरोध किया था. पिछले दिनों विधि आयोग ने तीन तलाक, बहु विवाह व दूसरी प्रथाओं पर 16 सवालों के जरिये जनता की राय मांगी थी. इस पर कल बोर्ड ने कड़ी आपत्ति जतायी. विधि आयोग के इस कदम से यह धारणा बनी है कि यह पहल कॉमन सिविल कोड की दिशा में उठाया गया कदम है.
वेंकैया नायडू ने आज कहा कि कॉमन सिविल कोड एक धर्म विशेष के लिए नहीं है, बल्कि यह सभी के लिए है. वेंकैया नायडू ने कहा कि हम इन मुद्दों पर जल्दबादी में नहीं हैं, इस पर चर्चा होनी चाहिए और सहमति के आधार पर ही सरकार कदम आगे बढ़ायेगी. वेंकैया ने कहा कि कोर इश्यू पर स्वस्थ चर्चा होनी चाहिए.
उन्होंने बोर्ड द्वारा बयान दिये जाने के तरीकों पर आपत्ति जतायीऔर कहा कि उन्हें राजनीति नहीं करनी चाहिए, यह काम राजनीतिक दलों का है. उन्होंने कहा कि सभी धर्मों जो बुराइयां हैं उस पर चर्चा होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि इस मामले में प्रधानमंत्री का नाम उछालना उचित नहीं है.