नयी दिल्ली : ब्रिक्स और बिम्सटेक शिखर सम्मेलनों से पहले आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वह क्षेत्र के लोगों की दीर्घकालिक समस्याओं के सामान्य हल ढूंढने और नयी साझेदारियां स्थापित करने की उम्मीद कर रहे हैं.गोवा में आयोजित होने जा रहे इन सम्मेलनों से इतर मोदीरूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अन्य नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे. प्रधानमंत्री ने कहा कि वे ‘‘हमारे लक्ष्यों के रास्ते में आने वालीबड़ी अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय चुनौतियों’ के समाधान के तरीकों पर चर्चा करेंगे.
प्रधानमंत्री ने फेसबुक पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘मैं आशान्वित हूं कि ब्रिक्स सम्मेलन ब्रिक्स देशों के बीच सहयोग को मजबूत करेगा और विकास, शांति, स्थिरता एवं सुधार के हमारे साझा एजेंडे को आगे बढाएगा.’ उन्होंने कहा कि ब्रिक्स नव विकास बैंक और आकस्मिक विदेशी मुद्रा कोष व्यवस्था के सफल संचालन करने वाले ब्रिक्स (ब्राजील-रूस-भारत-चीन-दक्षिण अफ्रीका) द्वारा गोवा में नयी पहलें शुरू की जाएंगी.
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत बिम्सटेक के साथ मिलकर एक विस्तारित शिखर सम्मेलन आयोजित कर रहा है, जिसमें बांग्लादेश, भूटान, म्यांमा, नेपाल, श्रीलंका और थाइलैंड हिस्सा लेंगे.
उन्होंने अब तक के पहले ब्रिक्स-बिम्सटेक विस्तारित शिखर सम्मेलन के बारे में कहा, ‘‘लगभग दो तिहाई मानवता का प्रतिनिधित्व करते हुए, हम सहयोग की संभावनाओं का दोहन करने और इसके लाभ हासिल करने की उम्मीद करते हैं.’ भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पुतिन की यात्रारूस के साथ बेमिसाल विश्वसनीय मैत्री और साझेदारी को मजबूत करने और पुन: दोहराने का अवसर देगी.
ब्राजील को एक अहम रणनीतिक साझेदार बताते हुए मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति माइकल टेमर की यात्रा उस देश के साथ सहयोग के कई नए क्षेत्र खोलेगी.
उन्होंने कहा, ‘‘इस साल ब्रिक्स के अध्यक्ष केरूप में भारत ने व्यापार, खेल, शिक्षा, फिल्म, छात्रवृत्ति और पर्यटन समेत विभिन्न क्षेत्रों में जनता के जनता से संपर्कों को बढावा देने पर भारी जोर दिया है.’ ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 15-16 अक्तूबर को गोवा में आयोजित किया जाएगा. इसके बाद ब्रिक्स-बिम्सटेक विस्तारित शिखर सम्मेलन होगा.