नयी दिल्ली: भाजपा और कांग्रेस पर जनलोकपाल विधेयक की राह में अड़ंगे लगाने का आरोप लगाते हुए आम आदमी पार्टी (आप) ने आज कहा कि दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार केंद्र की पूर्वानुमति के बगैर विधानसभा के विशेष सत्र में प्रस्तावित विधेयक का पारित होना सुनिश्चित करेगी.
‘आप’ के वरिष्ठ नेता प्रशांत भूषण ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘राष्ट्रपति एवं केंद्र की पूर्वानुमति के बगैर विधानसभा में जनलोकपाल विधेयक पारित कराना असंवैधानिक नहीं है, जैसा कि भाजपा और कांग्रेस दावा कर रही है.’’
प्रशांत ने कहा, ‘‘संविधान के अनुच्छेद 255 के तहत किसी राज्य विधानसभा द्वारा पारित कानून सिर्फ इस आधार पर अमान्य नहीं होगा कि उसने राष्ट्रपति की पूर्वानुमति हासिल नहीं की…पर उसे बाद में राष्ट्रपति की मंजूरी हासिल करनी होगी.’’यह पूछे जाने पर कि ‘आप’ सरकार विधानसभा में विधेयक पेश करने से पहले राष्ट्रपति एवं केंद्र की मंजूरी आखिर क्यों नहीं लेना चाहती, इस पर प्रशांत ने कहा, ‘‘यदि सरकार केंद्र के पास लोकपाल विधेयक भेजती है तो हम जानते हैं कि विधेयक वहां अटक जाएगा. इसलिए पहले हम उसे विधानसभा में पेश करना चाहते हैं.’’
प्रशांत ने कहा, ‘‘संविधान में ऐसा कुछ नहीं लिखा है कि दिल्ली सरकार को केंद्र से पूर्वानुमति लेना जरुरी है. लिहाजा, राष्ट्रपति एवं केंद्र की पूर्वानुमति के बगैर विधानसभा में विधेयक पेश करना असंवैधानिक नहीं है.’’ ‘आप’ नेता ने यह आरोप भी लगाया कि भाजपा और कांग्रेस किसी भी तरीके से विधानसभा में विधेयक पेश करना और उस पर चर्चा नहीं होने देना चाहती.