श्रीनगर : जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने आज कहा कि घाटी में अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती एक बाध्यता है और स्थिति के सामान्य होते ही उन्हें बैरकों में वापस भेज दिया जाएगा.
उन्होंने कहा कि शरारती तत्वों द्वारा की जाने वाली तोड़फोड़ और वाहनों को निशाना बनाए जाने के मद्देनजर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल :सीआरपीएफ: के कर्मियों की तैनाती कीगयी है.
महबूबा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘इस तरह की एक घटना में, शहर के परिमपोरा में एक लड़की मारीगयी. स्थिति के सुधरने, तोड़फोड़ की घटनाओं में कमी आने पर सुरक्षाबलों की भूमिका कम हो जाएगी. वे अपनी बैरकों में वापस चले जाएंगे.’ उन्होंने कहा, ‘‘सीआरपीएफ (अर्द्धसैनिक बल) की तैनाती मनमर्जी से नहीं की जाती है, बल्कि लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर की जाती है जो सामान्य जीवन जीना चाहते हैं.’ मुख्यमंत्री ने अपील की कि बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखकर स्थिति को सामान्य बनाने में माता-पिताओं को सरकार की मदद करनी चाहिए.
अगले महीने निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार परीक्षाएं आयोजित करने के विरोध में प्रदर्शनों पर उन्होंने कहा कि छात्रों के शैक्षणिक समय के नुकसान से बचने के लिए परीक्षाएं समय पर आयोजित की जाएंगी.
उन्होंने कहा, ‘‘छात्रों के पास प्रश्नों और उत्तरों के संदर्भ में अधिक विकल्प होंगे क्योंकि वे कश्मीर में हालात की वजह से पढाई पूरी नहीं कर पाए हैं.’ महबूबा ने कहा, ‘‘जहां तक संभव होगा, हम सरकारी स्कूलों में छात्रों के लिए ट्यूशन के प्रबंध भी करेंगे जिससे कि वे परीक्षाओं की तैयारी कर सकें. हम पाठ्यक्रम कम करने पर भी विचार करेंगे, लेकिन परीक्षाएं समय पर आयोजित होंगी.’
महबूबा ने राज्य में महिलाओं और लड़कियों की बेहतरी के लिए अपनी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी भी दी.
उन्होंने कहा, ‘‘हमने महिलाओं के लिए अलग से बस सेवा और थानों की शुरुआत की है तथा लाडली योजना भी शुरू की है. मेरी सरकार का ध्यान महिलाओं और लड़कियों के लिए अधिक सुविधाएं उपलब्ध कराने पर केंद्रित रहा है. इसीलिए हमने उन लड़कियों के लिए बजट में स्कूटी योजना का प्रावधान किया जो ऑटो रिक्शा का किराया वहन नहीं कर सकती हैं.’ मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हम इन छात्राओं को स्कूटी खरीदने के लिए 50 प्रतिशत की रियायत दे रहे हैं.’ उन्होंने कहा कि सरकार जम्मू में इस योजना की शुरुआत कर चुकी है तथा आगामी दिनों में छात्राओं को और अधिक स्कूटी प्रदान की जाएंगी.
महबूबा ने कहा, ‘‘हालांकि, कश्मीर में वर्तमान स्थिति की वजह से हम अभी तक यह नहीं कर पाए हैं. यह अच्छा है कि गरीब लड़कियां इस सुविधा की मांग कर रही हैं.’