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भुवनेश्वर अस्पताल हादसा : चिकित्सा सुविधाएं सील, दूसरी जगह शिफ्ट किये गये मरीज

भुवनेश्वर : ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर के एक अस्पताल में कल लगी आग के बाद बुरी तरह जल चुके कुछ हिस्सों को आज सील कर दिया गया. इस हादसे में 22 लोगों की मौत हो गयीथी. अब आगजनी की विस्तृत जांच होनी है. मरीजों को अन्य अस्पतालों में भेज दिया गया है. स्वास्थ्य सचिव आरती […]

भुवनेश्वर : ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर के एक अस्पताल में कल लगी आग के बाद बुरी तरह जल चुके कुछ हिस्सों को आज सील कर दिया गया. इस हादसे में 22 लोगों की मौत हो गयीथी. अब आगजनी की विस्तृत जांच होनी है. मरीजों को अन्य अस्पतालों में भेज दिया गया है. स्वास्थ्य सचिव आरती आहूजा आज सुबह इस निजी अस्पताल का जायजा लेने पहुंचीं. उन्होंने कहा कि जांच ठीक ढंग से हो यह सुनिश्चित करने के लिए गहन चिकित्सा केंद्र (आइसीयू), आपाताकाल इकाइयों और डायलिसिस इकाई को सील कर दिया गया है.

सम अस्पताल में आग लगने की घटना के बाद यहां से 106 लोगों को शहर के दूसरे अस्पतालों में भेज दिया गया है जहां उनका इलाज चल रहा है. कुछ मरीजों को कटक के एससीबी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में भी भेजा गया है.

मुख्यमंत्री नवीन पटनायक मरीजों का हालचाल जानने एम्स और एएमआरआइ अस्पताल पहुंचे. इन मरीजों को सम अस्पताल में आगजनी के बाद इलाज के लिए यहां लाया गया था.

राज्य के स्वास्थ्य मंत्री अतनु सब्यसाची नायक ने कहा कि उनकी प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि मरीजों को उचित इलाज मिले. उन्होंने कहा कि कल रात अस्पताल में आग की घटना की गहराई से जांच करने के लिए कदम उठाए गए हैं.

राज्य सरकार ने उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं. इस घटना की जांच चिकित्सीय शिक्षा एवं प्रशिक्षण के निदेशक करेंगे. एक अधिकारी के मुताबिक, इसके अलावा राजस्व संभागीय आयुक्त द्वारा जांच के आदेश भी हैं.

घटना के कुछ ही देर बाद कल रात स्वास्थ्य मंत्री नायक ने कहा था कि अस्पताल प्रशासन अगर लापवाही का दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफकड़ी कार्रवाई की जाएगी.

इस निजी अस्पताल में डायलिसिस इकाई सेशुरू हुई आग की चपेट में आकर 22 लोगों की मौत हो गयी थी जबकि कई अन्य घायल हो गए.

एक अधिकारी ने बताया कि मृतकों में से 20 की पहचान हो चुकी है और उनके शव परिजनों को सौंप दिए गए हैं.

आग का शिकार बने ज्यादातर लोग सम अस्पताल के आइसीयू में वेंटिलेटर पर थे. ज्यादातर लोगोंं की मौत दम घुटने के कारण हुई है.

मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने सरकारी अस्पतालों को निर्देश दिया है कि वे सम अस्पताल से आए मरीजों कोजरूरी उपचार मुहैया करवाएं. उन्होंने सभी निजी अस्पतालों से भी आगजनी के शिकार अस्पताल से आए मरीजों का इलाज करने का अनुरोध किया है.

ऐसा माना जा रहा है कि चार मंजिला अस्पताल में पहले तल पर स्थित डायलिसिस वार्ड में इलेक्ट्रिक शॉर्ट सर्किट हुआ था जिसकी वजह से आग लगी. बाद में आग आइसीयू तक फैल गयी.

आग पर नियंत्रण पाने में अग्निशमन दल की सात गाड़ियों को तीन घंटे का वक्त लगा. मरीजों को दूसरे अस्पतालों में ले जाने के लिए यहां एक दर्जन एंबुलेंस तैनात कीगयी थीं.

मरीजों को कैपिटल अस्पताल, आमरी अस्पताल, एम्स, अपोलो अस्पताल, कलिंगा अस्पताल और कटक के एससीबी मेडिकल कॉलेज तथा अस्पताल समेत कई अन्य अस्पतालों में भर्ती किया गया है.

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