मोदी ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति – जनजाति केंद्र की शुरुआत की
लुधियाना : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंजाब में लुधियाना में आज अनुसूचित जाति एवं जनजाति (एससी एवं एसटी) समुदाय के उद्यमियों की सहायता के लिए राष्ट्रीय एससी – एसटी केंद्र की शुरुआत की.आरंभिक 490 करोड़रुपये के निवेश से शुरू किया जा रहा यह केंद्र एससी-एसटी उद्यमियों की बाजारों तक पहुंच व संपर्क बढाने, निगरानी, क्षमता […]
लुधियाना : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंजाब में लुधियाना में आज अनुसूचित जाति एवं जनजाति (एससी एवं एसटी) समुदाय के उद्यमियों की सहायता के लिए राष्ट्रीय एससी – एसटी केंद्र की शुरुआत की.आरंभिक 490 करोड़रुपये के निवेश से शुरू किया जा रहा यह केंद्र एससी-एसटी उद्यमियों की बाजारों तक पहुंच व संपर्क बढाने, निगरानी, क्षमता निर्माण, वित्तीय सहायता सेजुड़ी योजनाओं का लाभ उठाने तथा अपने उद्योग में सबसे अच्छी पद्धतियों को आपस में साझा करने में उनकी मदद करेगा. यह केंद्रीय लोक उपक्रमों को लघु उद्योगों से न्यूनतम खरीद के लिए सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्यों को पूरा करने में सक्षम बनाएगा. सार्वजनिक खरीद नीति 2012 के तहत मंत्रालयों, विभागों तथा सीपीएसइ को अपनी कुल खरीद का चार प्रतिशत अनुसूचित जीति – जनजाति उद्यमियों से खरीदना होगा.
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने बजट भाषण में एमएसएमइ मंत्रालय के अंतर्गत राष्ट्रीय अनुसूचित जाति : जनजाति केंद्र खोलने की घोषणा की थी. प्रधानमंत्री मोदी ने ‘जीरो डिफेक्ट, जीरो इफेक्ट’ यानी त्रुटिहीन, पर्यावरण अनुकूल विनिर्माण कार्य (जेइडी) योजना की भीशुरू की. उन्होंने महिलाओं को चरखा वितरित किये और उल्लेखनीय काम करने वाले सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों को राष्ट्रीय पुरस्कार दिये.
मोदी ने 2014 में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर जेइडी योजना का जिक्र किया था.यह पर्यावरण पर बिना कोई प्रतिकूल प्रभाव डाले उच्च गुणवत्ता के विनिर्माण पर जोर देता है.इसका मकसद अनियमित एमएसएमइ क्षेत्र में गुणवत्ता का स्तर बढाना है.
आकलन मॉडल गुणवत्ता और पर्यावरण मानकों पर आधारित है जिसे भारतीय गुणवत्ता परिषद ने तैयार किया है. यहशुरू में कपड़ा, परिधान, खाद्य उत्पाद तथा पेय पदार्थ समेत अन्य सेजुड़ी इकाइयों पर ध्यान देगा.