सर्जिकल स्ट्राइक पर महासंग्राम: कांग्रेस ने पूछा कौन सच बोल रहा है – विदेश सचिव या रक्षा मंत्री
नयी दिल्ली: सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर अब एक बार से फिर राजनीति गरम हो चुकी है. पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में पहली बार सर्जिकल स्ट्राइक के मोदी सरकार के दावे पर सवाल उठने लगे हैं. कांग्रेस ने मोदी सरकार पर हमला करते हुए पूछा कि पहली बार के सर्जिकल स्ट्राइक के दावे पर कौन […]
नयी दिल्ली: सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर अब एक बार से फिर राजनीति गरम हो चुकी है. पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में पहली बार सर्जिकल स्ट्राइक के मोदी सरकार के दावे पर सवाल उठने लगे हैं. कांग्रेस ने मोदी सरकार पर हमला करते हुए पूछा कि पहली बार के सर्जिकल स्ट्राइक के दावे पर कौन सच बोल रहा है, विदेश सचिव या रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर….
दरअसल, ऐसी खबरें आयी कि विदेश सचिव एस जयशंकर ने मंगलवार को संसदीय समिति को बताया कि ऑपरेशन पहले भी हुए थे लेकिन जितने बड़े पैमाने पर इस बार हुआ था वैसा पहले कभी नहीं देखा गया.
अब कांग्रेस ने इसे मुद्दा बनाकर एक बार फिर मोदी सरकार पर हमला बोल दिया है. आज कांग्रेस के ऑफिसियल ट्विटर अकाउंट पर मामले को लेकर ट्वीट किया गया जिसमें कहा गया है कि मोदी सरकार के द्वारा की जा रही बयानबाजी और वाहवाही की विदेश सचिव ने पोल खोल दी है. भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर झूठ बोल रहे हैं यह सच्चाई सामने आ चुकी है….
कांग्रेस के ट्वीट में यह भी लिखा गया है कि सच्चाई छुप नहीं सकती बीजेपी के बयानों से…..
Modi Govt's rhetoric, bravado & machismo's exposed by Foreign Secretary Jaishankar. Shri Amit Shah's & Shri Parrikar's lies lie exposed. pic.twitter.com/qLM0qvNdE6
— Congress (@INCIndia) October 19, 2016
आपको बता दें कि विदेश सचिव एस जयशंकर ने मंगलवार को कहा कि भारतीय सेना की ओर से पहले नियंत्रण रेखा के पार सर्जिकल स्ट्राइक किए गए हैं या नहीं, इस बारे में सिर्फ सेना जानती है और ऐसे हमलों के बारे में कोई ‘‘संदेश’ नहीं दिया गया. वहीं सरकारी सूत्रों ने कहा, ‘‘विदेश सचिव ने कहा कि अहम मुद्दा यह है कि हमने सर्जिकल स्ट्राइक करने के बाद सार्वजनिक तौर पर इसकी जानकारी दी जिससे एक राजनीतिक-सैन्य संदेश गया. पहले सीमा पार की गई कि नहीं, इसके बारे में सिर्फ सेना जानती है. लेकिन यह अप्रासंगिक है, क्योंकि कोई संदेश ही नहीं दिया गया.’
विदेश मामलों से जुडी संसदीय समिति में हुए वाकयों के बारे में स्पष्टीकरण तब दिया गया जब कुछ विपक्षी सांसदों ने विदेश सचिव के हवाले से कहा कि सेना ने ‘‘नियंत्रण रेखा के पार पहले भी विशिष्ट लक्ष्य पर, सीमित-क्षमता के आतंकवाद निरोधक अभियानों’ को अंजाम दिया है, लेकिन पहली बार सरकार ने इसके बारे में सार्वजनिक तौर पर जानकारी दी.