नयी दिल्ली : देशभर में इस समय चीनी सामान का बहिष्कार करने की एक मुहिम सी चल पड़ी है साथ ही इससे होने वाले फायदे-नुकसान को लेकर बहस चल रही है. इसी बीच योग गुरु बाबा रामदेव ने भी इस मामले को लेकर चिंता जताई और चीनी सामान का बहिष्कार करने की सबसे ज्यादा अपील की.
दरअसल चीन के प्रोडक्ट्स ना खरीदने के पीछे उनका तथ्य यह है कि चीन भारत से पैसे कमाकर पाकिस्तान की मदद कर रहा है. अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस ग्रुप के एक कार्यक्रम में रामदेव ने बातचीत के दौरान अपनी राय रखी है. बाबा रामदेव ने कहा कि ऐसा करने का उद्देश्य चीन पर सामाजिक-आर्थिक दबाव बनाना है.
भारत में पाकिस्तानी कलाकारों पर बैन लगाने को लेकर भी उनसे सवाल किए गए जिसपर बाबा रामदेव ने कहा कि हम मानते हैं कि कलाकार आतंकवादी नहीं होते हैं, लेकिन क्या उनमें जरा भी मानवता नहीं है? उन्हें सिर्फ अपनी फिल्म से, पैसा कमाने और फिर बिरयानी खाने से मतलब है. उन लोगों को उरी अटैक और दूसरी आतंकवादी घटनाओं की निंदा करनी चाहिए थी लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. मैं पूछता हूं आखिर क्यों? इन्होंने इन घटनाओं की निंदा नहीं की क्या मानवता नाम की चीज इनमें नहीं है? हालांकि पंतजलि आयुर्वेद के संस्थापक रामदेव ने कहा कि उन्हें मौका मिला तो वो पाकिस्तान जाकर योग जरूर सिखाना चाहेंगे.
आपको बता दें कि पतंजलि एक दशक से कम समय में 5,000 करोड़ रुपये की कंपनी बन गई है. योग गुरु ने पाकिस्तान में भी पतंजलि की यूनिट लगाने की इच्छा जतायी है. उन्होंने कहा है कि वह पाकिस्तानी कलाकारों की तरह नहीं करेंगे और वहां से पैसे कमाकर अपने देश लाने के काम में लिप्त नहीं होंगे. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में होने वाली कमाई को पाकिस्तानी के ही लोगों की भलाई में खर्च किया जाएगा.
28 सितंबर की देर रात हुए सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में उन्होंने कहा कि बुराई का अंत करना हिंसा की श्रेणी में नहीं आता है. मुझे लगता है दाउद इब्राहिम, मसूद अजहर और हाफिज सईद जैसे लोगों का भी अंत मोदी जी के द्वारा किया जा सकेगा. इस तरह देश के लोगों में गरीबी और काले धन को लेकर जो शिकायत है वह खत्म जाएगी. उन्होंने कहा कि मैंने इस संबंध में मोदी जी को ट्वीट भी किया था कि उन्हें बुद्ध और युद्ध को साथ लेकर चलाने की जरूरत है, क्योंकि क्रांति के बिना शांती नहीं होती…..