नयी दिल्ली : जेएनयू के छात्र नजीब अहमद के रहस्यमय तरीके से गायब होने के मामले में जेएनयू स्टूडेंट यूनियन के छात्रों ने 22 घंटे से अधिक समय तक बवाल काटा. छात्रों के विरोध के बावजूद भी सुरक्षा बलों ने घेरकर वीसी एम जगदीश कुमारको बाहर निकाला और वो अपनी गाड़ी में बैठकर कैंपस से बाहर निकल गये. वीसी के बाहर आते वक्त छात्रों ने उन्हें रोकने की पूरी कोशिश की लेकिन सुरक्षागार्ड ने उन्हें बाहर निकाल लिया. छात्रों ने वीसी के विरोध में जोरदार नारेबाजी की.
वीसी छात्रों को अपनी बैठक का हवाला देते रहे लेकिन छात्र उन्हें जाने नहीं दे रहे थे.100 से अधिक संख्या में छात्रों ने प्रशासनिक भवन में कुलपति, रजिस्ट्रार सहित कई अधिकारियों को बंधक बना रखा और बाहर खुद रात-भर नाच गान करते रहे. कल दिन में ढाई बजे से शुरू हुए उनके इस नाटकीय हंगामे पर आज करीब साढ़े 12 बजे विराम लग गया. छात्रों के इस हंगामे में कल रात केंद्र सरकार को हस्तक्षेप करना पड़ा और गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने स्वयं दिल्ली पुलिस कमिश्नर से बात की. आज गृहराज्यमंत्री किरण रिजेजू ने भी कहा कि पुलिस कानून के हिसाब से कार्रवाई करेगी और वहां कुछ छात्र ऐसे हैं जो पढाई करने नहीं राजनीति करने आये हैं. रिजेजू ने कहा कि वहां कुछ लोगों को यह आदत बन गयी है. उन्होंने कहा कि जेएनयू का अपना नियम है, उसके तहत चलना चाहिए.
उधर, कुलपति एम जगदीश कुमार ने एक वीडियो संदेश मीडिया को भेजा, जिसमें उन्होंने अपनी पीड़ा बतायी. वीडियो संदेश में कुलपति कहते दिख रहे हैं कि छात्रों ने हमें अवैध तरीके से बंधक बनाया. ऐसे लोगों को भी रोके रखा जो ब्लडप्रेशर व डायबिटीज से पीड़ित हैं.
वीसी ने एक टीवी चैनल से बातचीत में कहा, हम छात्रों से बातचीत की कोशिश कर रहे हैं. छात्रों को यह लगता है कि हम कुछ नहीं कर रहे.वीसी ने विद्याथार्थियों को अल्टीमेटम दिया है उन्होंने कहा, आप प्रशासन को काम करने का मौका दीजिए. उन्होंने अकेडमी काऊंसिल की मीटिंग आज दोपहर 2.30 बजे रखी है. मीटिंग की जगह कहीं दूसरी जगह रखी गयी है.
हालांकि वीसी का घेराव समाप्त करने के बाद भी छात्र इससे इनकार कर रहे हैं कि उन्होंने वीसी व अन्य को बंधक बना रखा था. हमने किसी को जबरन नहीं रोका. है. एक टीवी चैनल को फोन पर कॉलेज के अधिकारी ने कहा कि छात्र रातभर हमें बंधक बनाकर बाहर गाना बजाना करते रहे. हमने उनसे बात करने की कोशिश की लेकिन वो बात करने के लिए भी तैयार नहीं थे.
गौरतलब है कि कल दोपहर 2.30 बजे से छात्रों ने वीसी और अन्य अधिकारियों को कमरे में बंद रखा था. उन्हें रात जमीन में सोकर बितानी पड़ी.’ जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष मोहित पांडेय ने कहा, ‘‘हमने जेएनयू के प्रशासनिक भवन में किसी को अवैध रूप से बंधक नहीं बनाया. बिजली और दूसरी सभी तरह की आपूर्ति है. हमने भीतर खाना भेजा है.’
पुलिस विश्वविद्यालय परिसर के बाद बाहर मौजूद है और अंदर दाखिल होने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन की अनुमति का इंतजार कर रही है. छात्र 100 की संख्या में हैं. छात्रों का आरोप है कि विश्वविद्यालय प्रशासन लापता छात्र को लेकर उदासीन है, वहीं विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि यह हमारे हाथ में नहीं है, केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह हरकत में आये.
उन्होंने दिल्ली पुलिस कमिश्नर से बात कर पूरे मामले की जानकारी ली. मालूम हो कि जेएनयू का एक छात्र नजीब अहमद गायब है. जेएनयू प्रशासन ने छात्र के लापता होने से संबंधित मामले में 12 छात्रों को प्रॉक्टर स्तरीय जांच समिति के समक्ष उपस्थित होने को कहा. इन छात्रों को इस बात को लेकर प्रदर्शन के बीच तलब किया गया कि इस मुद्दे पर कुलपति ने ‘असंवेदनशील’ तरीके से कार्रवाई की.
स्कूल ऑफ बायोटेक्नोलॉजी का छात्र नजीब अहमद शनिवार से कथित तौर पर लापता है. उसका लापता होने से एक रात पहले कैंपस में उसका झगड़ा हुआ था. छात्र के अभिभावकों से मिली शिकायत के बाद बसंत कुंज उत्तर थाना में कल एक व्यक्ति के अपहरण और गलत तरीके से कैद कर रखने को लेकर प्राथमिकी दर्ज की गयी.
एक वक्तव्य में कहा गया, ‘‘जेएनयू प्रशासन ने प्रॉक्टरस्तरीय जांच समिति के समक्ष गवाही के लिए 12 छात्रों को तलब किया था, जिनके नाम माही-मांडवी हॉस्टल में 14 अक्तूबर को हुई हिंसा की घटना से जुड़े हैं.’ वक्तव्य में कहा गया, ‘‘समिति ने यह भी कहा है कि जो भी गवाही देना चाहता है वो आगे आएं और जांच में मदद करें. प्रशासनिक ब्लॉक को अवरुद्ध करने के लिए छात्रों की निंदा करते हुए जेएनयू के शिक्षकों ने प्रशासन से अनुरोध किया कि वो अहमद का पता लगाने के लिए पुलिस पर अधिक दबाव डालें और अहमद से अपील की कि वह प्रताड़ित किए जाने के डर के बिना वापस लौटे.’
विश्वविद्यालय के कुलपति एम जगदीश कुमार और अन्य शीर्ष अधिकारियों ने 15 अक्तूबर की दोपहर को अहमद के गुम होने के बाद पहली बार मीडिया को बताया कि लड़के का पता लगाने के लिए सारे कदम उठाए गए हैं और वह परिवार के संपर्क में भी हैं. कुमार ने कहा, ‘‘लेकिन हम उसकी सुरक्षा के बारे में भी वाकई चिंतित हैं और पुलिस के साथ नियमित संपर्क में हैं और जो भी जरूरत है वो सूचना प्रदान कर रहे हैं. हमने नजीब अहमद से भी अपील की है कि अगर वह इसे पढ रहा है तो विश्वविद्यालय लौट आए. हम उसे सभी तरह की मदद का आश्वासन देते हैं.’
परिसर से अहमद के लापता होने के प्रकरण में अब तक कोई सुराग नहीं मिलने के तथ्य को स्वीकार करते हुए कुमार ने कहा, ‘‘अब तक कोई भी नहीं जानता है कि उसे क्या हुआ है.’ जेएनयू के रेक्टर चिंतामणि महापात्र ने कहा, ‘‘परिवार ने गुमशुदगी की शिकायत दर्ज करायी थी और जब हमने पुलिस से संपर्क किया तो हमसे कहा गया कि परिवार ने एक प्राथमिकी दर्ज कराई है.’ परिसर में तनाव व्याप्त है. दोपहर में प्रदर्शन करने के लिए बडी संख्या में छात्र प्रशासनिक ब्लॉक पर एकत्र हुए. नारेबाजी करने और प्रदर्शन करने के बाद छात्रों ने भवन के द्वार को अवरुद्ध कर दिया.
सुरक्षा बलों की तरफ से हस्तक्षेप के बाद द्वार खोले गए, लेकिन शाम में ज्यादातर कर्मचारियों के जाने के बाद छात्रों ने एकबार फिर नाकेबंदी कर दी. जेएनयूएसयू के अध्यक्ष मोहित पांडेय ने कहा, ‘‘नजीब अहमद के मामले से असंवेदनशील तरीके से निपटने की वजह से नाकेबंदी की गयी है. एबीवीपी द्वारा नजीब अहमद के खिलाफ हिंसा जिसकी वजह से वह पांच दिन पहले परिसर से लापता हुआ और जेएनयू प्रशासन के प्राथमिकी दर्ज कराने से इनकार कर अपराधियों को बचाने का प्रयास करने की वजह से नाकेबंदी की गयी है.’ विश्वविद्यालय में तनाव व्याप्त है. वाम समर्थित जेएनयूएसयू और एबीवीपी एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं. एबीवीपी ने आरोप लगाया कि जेएनयूएसयू अध्यक्ष मोहित पांडेय और अहमद के साथ रहने वाले छात्र के बयान में असंगति है.