नयी दिल्ली : राजधानी की एक अदालत ने दो महिलाओं को शादी का झांसा देकर उनसे बलात्कार के आरोपी वकील को बरी कर दिया है क्योंकि दोनों ही अपने बयान से मुकर गयी और बलात्कार से भी इंकार कर दिया.
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश योगेश खन्ना ने कहा कि चूंकि सुनवाई के दौरान अभियुक्त के खिलाफ कुछ भी आपत्तिजनक सामने नहीं आया है, इसलिए वह संदेह का लाभ पाने का हकदार है. न्यायाधीश ने कहा, ‘‘शिकायतकर्ता पुलिस को पहले दिये गये अपने बयानों से पूरी तरह मुकर गयी हैं और आरोपी द्वारा बलात्कार की घटना या विवाह के झूठे वायदे के नाम पर उनके साथ यौन रिश्ते बनाने में लिप्त होने से ही इंकार कर दिया है.’’
पुलिस ने इस वकील के खिलाफ दो अलग अलग मामले दर्ज किये थे. पुलिस का कहना था कि यह वकील एक महिला के पति के साथ चल रहे वैवाहिक विवाद में उसका प्रतिनिधित्व कर रहा था और इसी दौरान 2011 में वह उसके नजदीक आया. पुलिस का दावा था कि इसके बाद ही इस वकील ने शादी करने का झांसा देकर उसके साथ शारीरिक संबंध स्थापित कर लिये थे.यह भी कहा गया कि सितंबर 2013 में पेशे से चार्टर्ड एकाउन्टेन्ट महिला जब वकील के घर पहुंची तो वहां उसे उसके कमरे में एक अन्य महिला मिली. पुलिस के अनुसार पूछताछ करने पर दूसरी महिला ने बताया कि उसके भी इस वकील के साथ पिछले चार साल से शारीरिक संबंध है. दूसरी महिला उसी लॉ फर्म में कथित रुप से काम करती थी जहां यह वकील काम करता था.
पुलिस ने बताया कि दोनों महिलाओं ने महसूस किया कि वकील ने उन्हें ठगा है और विवाह के झूठे वायदे पर उनसे बलात्कार किया है. इसके बाद दोनों महिलाओं ने आपराधिक मामला दायर करने का निश्चिय किया. लेकिन बाद में उन्होंने मुकदमे की सुनवाई के दौरान अपने बयान बदल किये और वकील द्वारा बलात्कार किये जाने से ही इनकार कर दिया.