जब शहीद सुशील ने मां से कहा- फौजियों की दिवाली तो रोज गोलियों से मनती है

कुरुक्षेत्र: रविवार रात जम्मू्-कश्मीर के इंटरनेशनल बॉर्डर पर शहीद हुए बीएसएफ जवान सुशील कुमार का आज उनके पैतृक गांव में अंतिम संस्कार किया गया. पिहोवा कस्बे की फैंसी कॉलोनी के रहने वाले सुशील कुमार की अंतिम यात्रा जब निकली तो सबकी आंखे नम थी. आज पूरा पिहोवा बंद है और सुशील की वीरता के गुनगान […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 25, 2016 11:52 AM

कुरुक्षेत्र: रविवार रात जम्मू्-कश्मीर के इंटरनेशनल बॉर्डर पर शहीद हुए बीएसएफ जवान सुशील कुमार का आज उनके पैतृक गांव में अंतिम संस्कार किया गया. पिहोवा कस्बे की फैंसी कॉलोनी के रहने वाले सुशील कुमार की अंतिम यात्रा जब निकली तो सबकी आंखे नम थी.

आज पूरा पिहोवा बंद है और सुशील की वीरता के गुनगान लोग गा रहे हैं. आपको बता दें कि सुशील को पाकिस्तानी गोलीबारी के दौरान सीने के ऊपरी हिस्से में गोली लगी थी. उनको शरीर के अन्य हिस्सों में भी गंभीर चोटें आई थीं.

शहीद सुशील कुमार की अंतिम यात्रा में आस-पास के लोग व रिश्तेदार के साथ ही जिला प्रशासन के अधिकारी भी पहुंचे थे. रविवार रात बुजुर्ग मां ने बॉर्डर पर तैनात फौजी बेटे से फोन पर बात करते हुए पूछा कि पटाखे चलने जैसी आवाजें क्यों आ रही है बेटा? दिवाली आने में अभी काफी समय है. इस पर फौजी बेटे ने मां को उत्तर दिया कि मां फौजियों की दिवाली तो रोज गोलियों से मनती है. इतना सुनकर मां का सिर गर्व से ऊंचा हो गया.

मां को गर्व है कि बेटा देश की रक्षा की करते हुइए शहीद हो गया. शहीद सुशील के परिवार में 2 भाई, मां, पत्नी और 2 बच्चे हैं. अंतिम यात्रा के दौरान उनकी पत्नी ने कहा कि सरकार को पाकिस्तानियों को सबक सिखाने की जरूरत है.

Next Article

Exit mobile version