मोदी-की वार्ता : न्यूजीलैंड ने एनएसजी की उम्मीदवारी पर ‘रचनात्मक” रुख का भरोसा दिया

नयी दिल्ली : भारत और न्यूजीलैंड ने आज कारोबार, रक्षा और सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अपने संबंधों को मजबूत बनाने पर सहमति व्यक्त की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके समकक्ष जान की के बीच बातचीत के दौरान न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री ने आश्वासन दिया कि उनका देश एनएसजी की सदस्यता के लिए भारत की उम्मीदवारी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 26, 2016 2:36 PM

नयी दिल्ली : भारत और न्यूजीलैंड ने आज कारोबार, रक्षा और सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अपने संबंधों को मजबूत बनाने पर सहमति व्यक्त की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके समकक्ष जान की के बीच बातचीत के दौरान न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री ने आश्वासन दिया कि उनका देश एनएसजी की सदस्यता के लिए भारत की उम्मीदवारी के संदर्भ में जारी प्रक्रिया में ‘रचनात्मक’ योगदान देगा.

दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों के बीच ‘सार्थक’ बातचीत के बाद दोनों पक्षों ने दोहरा कराधान निषेध संधि और आय पर कर संबंधी राजकोषीय अपवंचन रोकथाम समेत तीन समझौतों पर हस्ताक्षर किये. दोनों पक्षों ने विदेश मंत्री स्तरीय वार्ता करने के साथ साइबर मुद्दों पर आदान-प्रदान करने की व्यवस्था स्थापित करने का भी निर्णय किया.

जॉन की के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि दोनों के बीच बातचीत के दौरान द्विपक्षीय संबंधों और बहुस्तरीय सहयोग के सभी आयामों पर विस्तृत और सार्थक चर्चा हुई. मोदी ने कहा, ‘‘ मैं परमाणु आपूर्ति समूह :एनएसजी: में भारत की सदस्यता पर विचार करने के संबंध में न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री की के रचनात्मक रुख के प्रति आभारी हूं. ”

48 सदस्यीय एनएसजी में भारत के प्रवेश के बारे में समर्थन के संबंध में भारत की यात्रा पर आए जान की ने स्पष्टरूप से कुछ नहीं कहा. उन्होंने इस विषय पर कहा, ‘‘ न्यूजीलैंड वर्तमान प्रक्रिया में रचनात्मक योगदान देना जारी रखेगा जो एनएसजी में भारत की सदस्यता पर विचार करने के लिए चल रही है.” की ने कहा कि एनएसजी में भारत की सदस्यता के प्रयास के विषय पर उनकी विस्तृत चर्चा हुई. उन्होंने कहा, ‘‘ न्यूजीलैंड एनएसजी के सदस्यों के साथ काम करने को प्रतिबद्ध है ताकि जितनी जल्दी संभव हो, एक फैसले पर पहुंचा जा सके. ” दोनों नेताओं के बीच बातचीत के बाद जारी संयुक्त बयान में कहा गया है कि न्यूजीलैंड, भारत के संदर्भ में एनएसजी में शामिल होने के महत्व को समझता है. इसमें कहा गया है कि भारत ने जोर दिया कि इससे पेरिस समझौते के परिप्रेरक्ष्य में भारत के स्वच्छ उर्जा के लक्ष्यों को हासिल करने में मदद मिलेगी.

न्यूजीलैंड उन देशों में शामिल था जिसने जून में दक्षिण कोरिया में एनएसजी की पिछली बैठक में यह रुख अख्तियार किया कि एनपीटी पर हस्ताक्षर नहीं करने वाले देश भारत के मामले में कोई अपवाद नहीं होना चाहिए. बैठक में अमेरिका के समर्थन के बावजूद चीन ने इस आधार पर भारत की सदस्यता का मार्ग अवरुद्ध कर दिया था कि वह एनपीटी का हस्ताक्षरकर्ता नहीं है.

Next Article

Exit mobile version