सिद्धू द्वारा चुनाव में अधिक धन खर्च करने के मामले की फिर अदालत में होगी सुनवाई
नयी दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी से अलग होने के बाद नवजोत सिंह सिद्धू की मुश्किल कम होने का नाम नहीं ले रही है. अब सुप्रीम कोर्ट ने सिद्घू को झटका देते हुए 2009 के लोकसभा चुनाव मामले में पंजाब हरियाणा हाइकोर्ट को सुनवाई के आदेश दिये हैं. यह फैसला सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू द्वारा […]
नयी दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी से अलग होने के बाद नवजोत सिंह सिद्धू की मुश्किल कम होने का नाम नहीं ले रही है. अब सुप्रीम कोर्ट ने सिद्घू को झटका देते हुए 2009 के लोकसभा चुनाव मामले में पंजाब हरियाणा हाइकोर्ट को सुनवाई के आदेश दिये हैं. यह फैसला सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू द्वारा दायर की गयी याचिका पर सुनाया है.
2009 के लोकसभा चुानव के दौरान सिद्धू पर तय सीमा से ज्यादा पैसे खर्च करने का आरोप लगा. इतना ही नहीं उन पर आरोप था कि उन्होंने अपनी पसंद के अफसर को भी तबादला करा कर यहां बुलाया और उनसे ट्रायल कराया. सिद्धू ने पंजाब और हरियाणा कोर्ट के फैसले को 2010 में चुनौती दी थी जिसमें उन्होंने कहा था कि यह आरोप निराधार है.
सिद्धू ने कांग्रेस के प्रत्याशी ओमप्रकाश सोनी को हराया था. सोनी ने 29 जून 2009 को हाईकोर्ट में सिद्धू के खिलाफ नियमों के खिलाफ 25 लाख रुपये से ज्यादा के चुनाव खर्च का आरोप लगाते हुए याचिका दायर की जिसे हाईकोर्ट ने 6 दिसंबर 2010 को सुनवाई के लिए मंजूर कर ली थी. उस वक्त हाईकोर्ट ने सोनी को कुछ आधार हटाने के लिए भी कहा था.
लेकिन इस फैसले के बाद सिद्धू सुप्रीम कोर्ट चले गये. इतने सालों के बाद अब उन्हें एक बार फिर इस मामले में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. गौरतलब है कि भाजपा से इस्तीफा देने के बाद सिद्धू ने पंजाब की राजनीति में अपनी भूमिका और मजबूत करने के लिए आम आदमी पार्टी से बात की लेकिन उन्हें किसी का साथ नहीं मिला. अंतत: उन्होंने एक अलग मोर्चा बना लिया.