कैबिनेट का बड़ा फैसला, डिजिटल फार्मेट में संग्रहित किये जायेंगे सभी के शैक्षणिक प्रमाणपत्र
नयी दिल्ली : केंद्रीय कैबिनेट ने आज एक बड़ा निर्णय करते हुए शेयर डिपाजिटरी की तर्ज पर अगले तीन माह में एक राष्ट्रीय शैक्षणिक डिपाजिटरी (एनएडी) कायम किये जाने को मंजूरी दी है. इसकी मंजूरी के बाद इस डिपाजिटरी में उच्च शिक्षा संस्थानों द्वारा दिये जाने वाले शिक्षा प्रमाणपत्र, डिग्रियों और अन्य शैक्षणिक पुरस्कारों को […]
नयी दिल्ली : केंद्रीय कैबिनेट ने आज एक बड़ा निर्णय करते हुए शेयर डिपाजिटरी की तर्ज पर अगले तीन माह में एक राष्ट्रीय शैक्षणिक डिपाजिटरी (एनएडी) कायम किये जाने को मंजूरी दी है. इसकी मंजूरी के बाद इस डिपाजिटरी में उच्च शिक्षा संस्थानों द्वारा दिये जाने वाले शिक्षा प्रमाणपत्र, डिग्रियों और अन्य शैक्षणिक पुरस्कारों को डिजिटल आधार पर संग्रहित किया जाएगा. मंत्रिमंडल ने आज निर्णय किया कि डिपाजिटरी को अगले तीन माह के बाद स्थापित और परिचालित किया जाएगा तथा 2017-18 तक इसे पूरे देश में प्रभावी कर दिया जाएगा.
कैबिनेट बैठक के बाद जारी एक बयान में यहां कहा गया कि वित्त मंत्री के बजट भाषण में शेयर डिपाजिटरी की तर्ज पर उच्च शिक्षा संस्थानों द्वारा दिये जाने वाले शिक्षा प्रमाणपत्र, डिग्रियों और अन्य शैक्षणिक पुरस्कारों को डिजिटल आधार पर संग्रहित करने के लिए डिजिटल डिपाजिटरी स्थापित करने की घोषणा की गयी थी. बयान में कहा गया, ‘इस निर्णय का उद्देश्य डिजिटल भारत के स्वप्न को एक अन्य आयाम तक पहुंचाना और बढावा देना है.’
एनएडी को एनएसडीएल डाटाबेस मैनेजमेंट लिमिटेड (एनडीएमएल) और सीडीएसएल वेंचर्स लिमिटेड (सीवीएल) परिचालित करेगी. ये दोनों भारतीय प्रतिभूति एक्सचेंज बोर्ड (सेबी) में पंजीकृत डिपाजिटरी की पूरी तरह स्वामित्व वाली सहायक कंपनियां हैं. इसमें डिजिटल आधार पर संग्रहित डाटा की प्रामाणिकता के लिए वह शैक्षिणक संस्थान जिम्मेदार होगा जो इसे प्रणाली में अपलोड करेगा.
डिपाजिटरीज एनएडी में संग्रहित होने वाले आंकडों की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे.एनएडी शिक्षण संस्थानों, बोडों, योग्यता आकलन निकायों, छात्रों तथा अन्य उपयोगकर्ताओं को पंजीकृत करेंगे. इसमें बैंकों, नियोक्ता कंपनियों, सरकारी एजेंसियों एवं शैक्षणिक संस्थानों जैसे पुष्टि करने वाले निकाय भी होंगे.