हंगामे के कारण राज्यसभा की कार्यवाही आज भी रही बाधित

नयी दिल्ली : तेलंगाना, तमिल मछुआरों और हंगामा करने वाले सदस्यों का नाम बुलेटिन में लिए जाने जैसे अलग अलग मुद्दों पर विभिन्न दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण राज्यसभा की कार्यवाही आज भी बाधित हुयी और चार बार के स्थगन के बाद बैठक अंतत: पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई. सुबह […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 10, 2014 11:22 AM

नयी दिल्ली : तेलंगाना, तमिल मछुआरों और हंगामा करने वाले सदस्यों का नाम बुलेटिन में लिए जाने जैसे अलग अलग मुद्दों पर विभिन्न दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण राज्यसभा की कार्यवाही आज भी बाधित हुयी और चार बार के स्थगन के बाद बैठक अंतत: पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई. सुबह सदन की बैठक जैसे ही शुरु हुई, असम गण परिषद के वीरेंद्र प्रसाद वैश्य ने कुछ कहना चाहा. सभापति हामिद अंसारी ने उनसे कहा कि उन्हें वैश्य का नोटिस मिल गया है और वह अपनी बात रखें.

वैश्य ने हाल ही में पूर्वोत्तर राज्यों के लोगों के साथ कथित दुर्व्यवहार के मुद्दे पर अपनी बात शुरु ही की थी कि तेलगु देशम पार्टी और अन्नाद्रमुक के सदस्य आसन के समक्ष आ गए. तेदेपा सदस्य आंध्रप्रदेश का विभाजन कर पृथक तेलंगाना राज्य बनाए जाने के केंद्र के फैसले का विरोध कर रहे थे तो अन्नाद्रमुक सदस्य श्रीलंका की नौसेना द्वारा तमिलनाडु के मछुआरों को गिरफ्तार करने का मुद्दा उठा रहे थे. द्रमुक, सपा, जदयू, माकपा के सदस्यों ने भी अपने अपने मुद्दे उठाए लेकिन हंगामे के कारण उनकी बात सुनी नहीं जा सकी. कांग्रेस के कुछ सदस्य भी नारे लगाते दिखे. सभापति ने सदस्यों से अपने स्थानों पर लौटने की अपील की। इसी बीच, सदन में अन्नाद्रमुक के नेता डॉ वी मैत्रेयन ने कोई कागज फाड़ कर उछाल दिया. इसके बाद सभापति ने बैठक 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी.बैठक के 11 बज कर 11 मिनट पर दोबारा शुरु होने पर सदन में वही नजारा रहा. इस बार तेदेपा, अन्नाद्रमुक के साथ साथ द्रमुक के सदस्य भी आसन के समक्ष आ गए और नारेबाजी करने लगे. सभापति ने अगप सदस्य वैश्य से अपनी बात रखने को कहा. वैश्य ने बोलना शुरु किया लेकिन हंगामे के कारण उनकी बात सुनी नहीं जा सकी.

एक बार फिर मैत्रेयन ने कागज फाड़ा और उसके टुकड़े हवा में उछाल दिये। मैत्रेयन आसन की मेज की ओर बार बार हाथ बढ़ा रहे थे और वहां खड़े मार्शल उन्हें ऐसा करने से रोकते रहे. सभापति ने सदस्यों से अपने स्थानों पर लौट जाने और शांत रहने की अपील की. व्यवस्था नहीं बनने पर उन्होंने 11 बज कर करीब 13 मिनट पर बैठक दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी. दो बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे सदन की बैठक शुरु होने पर भी वही स्थिति बनी रही और विभिन्न दलों के सदस्य आसन के समक्ष आकर अलग अलग मुद्दों पर हंगामा करने लगे. अन्नाद्रमुक के मैत्रेयन आसन के समक्ष ही कागज फाडकर हवा में उछालते दिखे. मैत्रेयन हंगामा कर रहे सदस्यों के नामों का उल्लेख राज्यसभा बुलेटिन में लिए जाने का विरोध कर रहे थे.

उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को सभापति हामिद अंसारी ने हंगामा कर रहे सदस्यों को आगाह किया था कि अब से यह (हंगामे और आसन के समक्ष आ कर नारेबाजी) सदन की कार्यवाही में प्रतिबिम्बित होगा. सात फरवरी के संसदीय बुलेटिन में 10 सदस्यों के नामों का उल्लेख किया गया है कि उन्होंने सदन की कार्यवाही को बाधित किया. इन सदस्यों में तेदेपा के वाई एस चौधरी और सी एम रमेश, अन्नाद्रमुक के एन बालगंगा, ए डब्ल्यू रबि बर्नार्ड, के आर अजरुनन, टी रत्नीवेल, आर लक्ष्मणन और द्रमुक के ए ए जिन्ना, वसंती स्टेनली, टीएम सेल्वागणपति के नाम शामिल हैं. हंगामे को देखते हुए उपसभापति पी जे कुरियन ने 12 बजकर दो मिनट पर बैठक 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी.

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